- ई-बैंकिंग और एसएमएस सुविधा समेत तमाम परेशानियां
जनवाणी संवाददता |
मेरठ: बैंकों के विलयीकरण की प्रक्रिया अभी तमाम बैंकों में पूरी नहीं हुई है। इस कारण उन उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जो ई-बैंकिंग या अन्य सुविधाओं का लाभ लेते आ रहे हैं। बैंक स्टाफ का कहना है कि अभी कम से कम एक महीना व्यवस्था को नए अंदाज में आने में लग जाएगा।
बैंकों के विलयीकरण में इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय हुआ है। जबकि यूनियन बैंक में कारपोरेशन बैंक और आन्ध्रा बैक का विलय हुआ है। पंजाब नेशनल बैंक में ओरियंटल बैंक आफ कामर्स और यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया, कैनरा बैंक में सिंडीकेट बैंक का विलय हुआ है।
यह प्रक्रिया काफी समय से चली आ रही है लेकिन तकनीकी रूप से विलयीकरण का काम पूरा नहीं हुआ है। इन बैंकों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड ठीक तरह से काम नहीं कर रहे हैं। अगर संबंधित बैंक के डेबिट कार्ड अगर उसी बैंक के एटीएम में प्रयोग किये जा रहे हैं तो पैसे निकल जा रहे हैं।
अगर, उनको किसी अन्य बैंक के एटीएम से निकालने की कोशिश की जाती है तो नेटवर्क इरर या कार्ड को अवैध बता दिया जाता है। इसी तरह बैंक के ट्रांजिक्शन के बाद एसएमएस सुविधा भी बाधित हो रही है। सबसे बड़ी दिक्कत गूगल पे के प्रयोग में आ रही है।
उपभोक्ताओं का कहना है कि ईपासबुक भी ठीक ढंग से काम नहीं कर रही है। माल रोड स्थित इलाहाबाद बैंक में विलयीकरण का असर साफ दिख रहा है। इस संबंध में बैंक मैनेजर कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है। उनका कहना है कि बेहतर होगा कि गूगल पे आदि से कुछ दिनो के लिये बचे नहीं तो पैसा फंस सकता है।
सही मायनों में देखा जाए तो जनवरी से बैंक अपने अंदाज में काम करना शुरू कर देंगे अभी तकनीकी रुप से काफी तेजी से काम चल रहा है, इस कारण रोज बैंकों में इस तरह की शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।