- गौ आधारित खेती से बढेÞगी किसानों की आय
जनवाणी संवाददाता |
हस्तिनापुर: महाभारतकालीन प्राचीन भूमि हस्तिनापुर में आयोजित भारतीय किसान संघ के दूसरे दिन राष्टÑीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख डा. मोहन राव भागवत ने कहा कि जैविक खेती प्राचीन परंपरा हैं, जिसको जिंदा रखने का संकल्प ले। भारत कृषि प्रधान देश हैं तथा कृषि देश की रीढ़ हैं।
महाभारतकालीन तीर्थ नगरी हस्तिनापुर स्थित जंबूद्वीप परिसर में चल रहे तीन दिवसीय भारतीय किसान संघ के दूसरे दिन कृषि संगम सम्मेलन को राष्टÑीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख डा. मोहन राव भागवत बतौर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। गौ आधारित जैविक कृषि कृषक सम्मेलन में दूसरे दिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के मध्य आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत हस्तिनापुर पहुंचे और दूसरे सत्र में संबोधन किया।
इसके बाद उन्होंने कृषि प्रर्दशनी का अवलोकन किया। डा. मोहन राव भागवत ने कहा कि जैविक खेती किसानों की प्राचीन परंपरा है। श्री शांति सागर प्रवचन हाल में आयोजित गौ आधारित जैविक कृषि सम्मेलन हुआ। इसमें संघ प्रमुख डा. मोहन राव भागवत पहुंचे। यहां पर भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों को ही आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित और दीप प्रज्ज्वलित के साथ किया गया।
दूसरे सत्र में करीब तीन बजे डा. मोहन राव भागवत ने भाग लेकर उड़ीसा, तमिलनाडु, केरल, हरियाणा, पंजाब से आये किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि गौ आधारित जैविक कृषि भारत का भविष्य है। आने वाले समय में यह और अधिक क्षेत्रफल में देखने को मिलेगी, लोग जागरूक हो रहे हैं और गौ आधारित खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि गौ आधारित खेती से किसानों की आय ही नहीं बढ़ेगी, बल्कि उन्हें गंभीर बीमारियों से भी छुटकारा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है। यहां पर व्यापार उद्योग-धंधे सब कृषि पर आधारित है, इसलिए कृषि भारत की अर्थव्यवस्था है। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए जैविक खेती के बारे में बताया कि जो किसान जैविक खेती करने की सोच रहे हैं, वह धीरे-धीरे यह भी खेती करें। वह अपनी कुल भूमि के आधे भाग में जैविक खेती करें। उसके बाद धीरे-धीरे जब उन्हें लाभ होने लगे तो वह अपनी सारी भूमि में ही जैविक खेती की पैदावार ले, इससे न सिर्फ उनकी आय बढ़ेगी।
विष मुक्त खाना और विष मुक्त पर्यावरण
संघ प्रमुख डा. मोहन राव भागवत ने कहा कि देश के लोगों को विष मुक्त खाना विष मुक्त पर्यावरण और विष मुक्त खेती करनी होगी। उन्होंने बताया कि जैविक एवं गौ आधारित खेती के लिए विपणन के लिए क्या करना है? यह किसानों को सोचना है। विपणन के क्षेत्र में अभी उन्नति देखने को नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि किसान खुद ही इसका विपणन करें। किसानों को जब खेती से लाभ होगा तो उनकी आय बढ़ेगी और देश को भी इसका लाभ मिलेगा।
कृषि प्रदर्शनी का किया अवलोकन
संघ प्रमुख डा. मोहन राव भागवत ने करीब एक घंटे के संबोधन के बाद जंबूद्वीप परिसर में जैविक खेती की लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया, जहां पर जैविक खेती के आधार पर लगाए गए करीब एक दर्जन स्टॉल पर जाकर इसकी गहनता से जानकारी की और उसके बारे में जाना, वहीं गंगा अमृत एग्रो प्रोडक्शन द्वारा बनाया गया प्राकृतिक गुण और शक्कर का उन्होंने स्वाद भी चखा। जहां पर गंगा अमृत एग्रो प्रोडक्ट की ओर से उन्हें गुड़ और शक्कर भेंट की गई।
मोहन भागवत के आने पर पुलिस अलर्ट
राष्टÑीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख डा. मोहन भागवत के हस्तिनापुर आगमन से पहले ही पुलिस-प्रशासन अलर्ट हो गया था। हस्तिनापुर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस लगी हुई थी। कार्यक्रम स्थल पूरी तरह से पुलिस छावनी में तब्दील था। हर तरफ पुलिस तैनात थी। बिना चेकिंग के एक भी व्यक्ति मुख्य गेट से जम्मू दीप परिसर में एंट्री नहीं कर सकता था।
कई स्थानों पर चेकिंग प्वाइंट बनाये गए थे। एसपी ट्रैफिक, एसपी देहात समेत कई पुलिस के अफसर भी इस दौरान मौजूद थे। ये सुरक्षा आरआरएस प्रमुख मोहन भागवत के लिए लगाई गयी थी। आम आदमी को भी जम्मूदीप परिसर में घूमने के लिए एंट्री नहीं दी गई।
उड़ीसा की महिला ने 450 तरह के धान की बताई विधि
देश के कोने कोने से आए किसानों ने प्रदर्शनी में जैविक कृषि से उगाए उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई। उड़ीसा से आई महिला किसानों ने तो प्रदर्शनी में साढ़े चार सौ तरीके के धान उगाने की बात बताई। इन महिलाओं ने बताया कि गो आधारित जैविक कृषि वरदान है। महिलाओं ने बताया कि हाइब्रिड धान में आय ज्यादा होती है। महिलाएं बताती हैं कि जैविक कृषि से धान उगाकर उनकी आय भी कई गुना बढ़ गई है।
उड़ीसा से सुंदरगढ़ से आई महिलाओं ने बताया कि जैविक कृषि से उगाए गए धान से तमाम बीमारियों भी दूर भागती हैं। मसलन डायबिटिज इत्यादि को भी जैविक कृषि से उगाया गया धान निजात दिलाता है। महिलाओं का कहना है कि इस खेती से सभी लोग स्वस्थ रहते हैं। दिमाग भी स्वस्थ रहता है।
सीतापुर से आए एक किसान ने तो जैविक कृषि के साथ साथ आॅनलाइन शुद्ध हवन करने का एप तैयार कर दिया। प्ले स्टोर से एप डाउनलोग कर सूर्योदय सूर्यास्त की टाइम के आधार पर गाय के गोबर घी इत्यादि से हवन करना बताया जाता है। इस हवन से वातावरण शुद्ध होता है जिसका असर खेती पर भी होता है। वहीं कई अन्य किसानों ने गो आधारित जैविक कृषि से आलू, प्याज सहित तमाम खाद्य पदार्थ तैयार कर दिए।
भारतीय किसान संघ उत्तर प्रदेश की ओर से तीन दिवसीय कृषक सम्मेलन का आयोजन हस्तिनापुर में किया गया है। सम्मेलन में गौ आधारित जैविक कृषि की विशेषता के बारे में किसानों को बताया जाएगा। मेले का उद्घाटन भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष बद्रीनारायण चौधरी ने किया। इस बार प्रदर्शनी देखने के लिए देश के अलग-अलग राज्यों से 500 से ज्यादा किसान प्रतिनिधि हस्तिनापुर पहुंचेंगे। भारतीय किसान संघ गौ आधारित जैविक खेती का प्रचार प्रसार कर रहा है।