- निभाया श्रीराम-सीता का किरदार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: भले ही इन दिनों देश में दो सांम्प्रयदायों को लेकर तमाम तरह की बहस चल रही है। एक समुदाय कहता है उनका धर्म सर्वोत्तम है तो दूसरा अपने धर्म को सर्वोपरी बताता है। लेकिन धर्माे की इस विभाजनकारी जंग में दो मुस्लिम किशोरियों ने एक अलग ही मिसाल पेश की है। दोनों ने रामायण कांन्क्लेव में श्रीराम-सीता का किरदार निभाकर आपसी सौहार्द की एक ऐसी मिसाल पेश की है जिससे सांम्प्रदाइकता फैलानें वाले और इसके बल पर अपनी राजनीति चमकानें वालों के मुंह पर तमाचा लगा है।
बुधवार को चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय में एक दिवसीय रामायण कांन्क्लेव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़े सभी महत्वपूर्ण प्रसंगों का मंचन किया गया। जिसमें उनके जन्म से लेकर वनवास के साथ रावण समेत अन्य असुरों का वध करनें के बाद वापस अयोध्या लौटने के सभी महत्वपूर्ण प्रसंग शामिल रहे। ऐसे में इन प्रसंगों में दो मुस्लिम छात्राओं ने श्रीराम व सीता का किरदार निभाकर सौहार्द की मिसाल पेश की है।
हापुड़ रोड स्थित राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में कक्षा 11 में पढ़ने वाली स्वालिहा ने सीता का किरदार निभाया। स्वालिहा का कहना है उसने पहले कभी रामायण के बारे में कुछ खास नहीं सुना था, लेकिन जब उनकी टीचर ने बताया कि रामायण कांन्क्लेव में उसे सीता का किरदार निभाना है तो वह काफी उत्साहित हो गई। सीता का किरदार निभानाकर उसे अगल अनुभूति मिली।
उधर, राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में कक्षा नौ की छात्रा फातिमा ने रामायण कांन्क्लेव में श्रीराम का किरदार निभाया। फातिमा ने बताया वह सभी धर्मो को एक मानती है। उसके लिए कोई धर्म अलग नहीं है, माता-पिता ने भी उसे हमेशा यही सिखाया है। श्रीराम का किरदार निभाकर अच्छा लगा और मैं खुद अभिभूत हूं।