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नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है। फिल्म शोले तो आप सभी ने देखी ही होगी और इस फिल्म का सबसे पॉपुलर डायलॉग ‘अरे ओ सांभा, कितने आदमी थे’ ये भी याद ही होगा।
भले ही सांभा का किरदार निभाने वाले अभिनेता मैक मोहन इस दुनिया में नहीं है, लेकिन दर्शको के दिलों में आज भी जिंदा है। आज अभिनेता मैक मोहन यानि माकीजनी की पुण्यतिथि है। तो आइये जानते है अभिनेता के जीवन से जुडी कुछ खास बातें…
फिल्म ‘हकीकत’ से किया डेब्यू
मैक मोहन का जन्म 24 अप्रैल 1938 को कराची में हुआ था। अभिनेता का असली नाम माकीजनी है। कहा जाता है कि मैक क्रिकेटर बनने का सपना लेकर कराची से बॉम्बे आए थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। धीरे-धीरे उनका रुझान थिएटर की ओर बढ़ने लगा।
साल 1964 में आई फिल्म ‘हकीकत’ से उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया। इसके बाद एक्टर कई फिल्मों में सपोर्टिंग किरदार में नजर आए। मैक ने ज्यादातर फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाई है।
‘शोले’ के ‘सांभा’ के रूप में मिली पहचान
अभिनेता मैक मोहन ने ‘जंजीर’, ‘सलाखें’, ‘शागिर्द’, ‘सत्ते पे सत्ता’, ‘डॉन’, ‘दोस्ताना’, ‘काला पत्थर’ जैसी हिट फिल्मों में काम किया था। हालांकि, उन्हें पहचान ‘शोले’ के ‘सांभा’ के रूप में मिली। इस फिल्म में उन्होंने सिर्फ एक ही डायलॉग बोला था, लेकिन उस डायलॉग ने लोगों के ऊपर अमिट छाप छोड़ दी।
यह डायलॉग था ‘पूरे पचास हजार’ फिल्म के इस संवाद और किरदार ने उन्हें पर्दे पर हमेशा के लिए अमर कर दिया। हिंदी फिल्मों के अलावा एक्टर भोजपुरी, गुजराती, हरियाणवी, मराठी और पंजाबी फिल्मों का हिस्सा रहे।
10 मई को दुनिया को कहा अलविदा
मैक की तबीयत फिल्म ‘अतिथि तुम कब जाओगे’ की शूटिंग के दौरान अचानक खराब हो गई, जिसके बाद उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने बताया कि उनके फेफड़े में ट्यूमर है, जिसके बाद काफी लंबे समय तक उनका इलाज चला, लेकिन एक्टर ने 10 मई साल 2010 को दुनिया को अलविदा कह दिया।
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