- गांव हसनपुर में एक बार फिर से एक साथ बैठे थांबेदार
- गठवाला चौधरी पहले ही कर चुके नियुक्ति का विरोध
जनवाणी संवाददाता |
शामली: गत 30 नवचंबर को गांव हसनपुर में 11 गांवों के द्वारा लिसाढ़ थाम्बेदार के रूप में महिपाल सिंह मलिक को थाम्बेदार नियुक्त किया गया था। इसका विरोध गठवाला खाप के चौधरी बाबा राजेंद्र मलिक ने किया था। साथ ही, राजेंद्र मलिक ने 11 गांवों की पंचायत बुलाकर उसमें कहा था कि लिसाढ़ में करीब 300 वर्षों से खाप चौधरी के साथ-साथ थांबेदारी का दायित्व उनके परिवार के पास रहा है।
साथ ही, ऐसा कोई भी साक्ष्य या पेपर नहीं है जिससे महिपाल सिंह मलिक या उसके परिवार का कोई व्यक्ति लिसाढ़ का थांबेदार रहा हो। क्योंकि गठवाला खाप की चौधराहट उनके परिवार के पास रही है, सो पैतृक गांव लिसाढ़ की थांबेदारी थी उनके पास ही है।
मंगलवार को एक बार फिर गांव हसनपुर गांव में थाम्बेदारों की मौजूदगी में महिपाल सिंह मलिक की थांबेदारी पर नियुक्ति का समर्थन किया गया। इस दौरान बहावड़ी थांबेदार बाबा श्याम सिंह ने कहा कि परंपरा के हिसाब से जो सही बात है, उसको ही आगे बढ़ाया जा रहा है। इस दौरान बाबा महिपाल सिंह मलिक के द्वारा गांव हसनपुर में आए सभी थाम्बेदारों को पगड़ी भेंट कर स्वागत किया गया।
इस अवसर पर बुढ़ियान खाप चौधरी सत्यवीर सिंह, कालखंडे खाप चौधरी बाबा संजय कालखंडे, बत्तीसा खाप के पुत्र चौधरी सुखविंदर सिंह, थांबेदार बाबा श्याम सिंह बहावड़ी, बाबा आजाद मलिक पुरामहादेव, रविंद्र मलिक लांक, रविंद्र मलिक सौहंजनी, बाबा ईश्वर सिंह मलिक खरड, परविंदर लंबरदार, गौरव मलिक लिसाढ, चरण सिंह ठेकेदार, सोमपाल सिंह, जितेंद्र सिंह लिसाड़, महिपाल सिंह लिसाढ, मांगेराम मलिक किवाना, बलजोर सिंह, किरणपाल सिंह मलिक सल्फा, सत्येंद्र मलिक सल्फा, दयानंद बुटराड़ी, राजपाल बुटराडी, कृष्णपाल कुड़ाना, जयपाल सिंह, चौधरी, किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सवित मलिक आदि उपस्थित रहे।