- फिर चार माह बाद होगा सहालग, देव उठनी एकादशी के बाद ही शुरू होंगे शुभ कार्य
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: भड़ली नवमी तक विवाह के लिए सिर्फ 9 शुभ मुहुर्त शेष हैं। 10 जुलाई देवशयनी एकादशी से सभी तरह के शुभ एवं मांगलिक कार्यो पर ब्रेक लग जाएगा। होली के बाद शुरू हुए वैवाहिक शुभ मुहुर्त में से अब सिर्फ 9 मुहुर्त ही शेष बचे हैं। कोरोना काल के बाद शहर में बड़े स्तर पर शादियां भी हुई, मगर अब आगे जून और जुलाई में कुल विवाह के लिए 9 शुभ विवाह लग्न मुहुर्त ही शेष हैं। इसके बाद 10 जुलाई को आषाढ़ शुक्ल पक्ष को देवशयनी एकादशी से वैवाहिक और अन्य शुभ कार्य बंद हो जाएंगे।
बता दें कि 4 माह के लिए जगत के पालनहार भगवान विष्णु क्षीरसागर में विश्राम करेंगे। इस अवधि में सृष्टि का संचालन भगवान शिव के हाथों में होता है। इसके बाद देवउठनी एकादशी या तुलसी विवाह के बाद ही शुभ विवाह और मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो सकेगी।
भड़ली नवमी पर रहेगी विवाह समारोह की रहेगी धूम
आषाढ़ माह में विवाह समारोह के अबूझ मुहुर्त भड़ली नवमी पर विवाह समारोह की रहेगी। ज्योतिषाचार्य मनीष के अनुसार देव शयनी एकादशी 10 जुलाई से देवउठनी एकादशी 4 नवंबर तक 4 माह के लिए शादियां बंद हो जाएंगी। 10 जुलाई को देवशयनी एकादशी से आने वाले इस 4 माह की अवधि को चातुर्मास कहा जाता है।
इस दौरान मांगलिक कार्य जैसे विवाह संस्कार, गृह प्रवेश आदि सभी मंगल कार्य निषेध रहेंगे। चातुर्मास आरंभ होने के कारण किसी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। वहीं कार्तिक माह में देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु योग निंद्रा से जागकर पुन: इस लोक में आएंगे और तुलसी के साथ उनका विवाह होगा। उसके बाद से सारे मांगलिक कार्य प्रारंभ होंगे। और चातुर्मास खत्म होगा।
सभी तिथियां शुभ नहीं होती
वर्ष में 6 माह शादियां होती हैं। मेष, वृषभ, मिथुन, वृश्चिक, मकर, कुंभ के सूर्य में होने पर शादियां की जाती हैं। कर्क, सिंह, कन्या, तुला, धनु, मीन के सूर्य में नहीं होने पर शादियां बंद रहती हैं। विवाह की सभी तिथियां शुभ नहीं होती। विवाह के लिए शुभ मुहुर्त लड़के का सूर्य, चंद्र बल तथा लड़की का गुरू व चंद्र बल को मिलाकर तिथियां निकाली जाती हैं। जून में 22 तारीख 23 तारीख 26 तारीख को विवाह मुहुर्त रहेगा।
वहीं जुलाई में 2 तारीख 3 तारीख 5 तारीख 6 तारीख 8 तारीख को विवाह का शुभ मुहुर्त रहेगा। देवशयनी एकादशी के 4 माह के बाद नवंबर में देवोत्थान एकादशी के बाद ही लगन होंगे। 24 नवंबर तक गुरू और शुक्र ग्रह के अस्त होने के कारण देवउठनी एकादशी से शादियां नहीं हो पाएंगी। 25 नवंबर से ही विवाह के शुभ मुहुर्त शुरू होंगे,
लेकिन 4 नवंबर को देवउठनी एकादशी है। इस दिन स्वयं सिद्ध अबूझ मुहुर्त बन रहा है। इसलिए इस दिन केवल शादी की जा सकेगी फिर 25 नवंबर से 16 दिसंबर तक 12 लग्न हैं। इसके बाद अगले वर्ष 14 जनवरी के बाद ही विवाह मुहुर्त शुरू हो सकेंगे।