- सेनेटरी की दुकान पर लगा रहे थे बोर्ड, आए चपेट में
- मेरठ-करनाल मार्ग स्थित सेनेटरी की दुकान पर हुआ दर्दनाक हादसा
जनवाणी संवाददाता |
कंकरखेड़ा: मेरठ-करनाल मार्ग पर ड्रीम सिटी कॉलोनी के पास एक बड़ा ही दर्दनाक हादसा हो गया। सेनेटरी की दुकान पर बोर्ड लगाने के दौरान हाइटेंशन लाइन की चपेट में आने से दो युवक गंभीर रूप से झुलस गए। सूचना मिलने पर कंकरखेड़ा पुलिस सीओ दौराला और एसपी सिटी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर दोनों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मेरठ-करनाल मार्ग पर ड्रीम सिटी कॉलोनी के सामने गर्ग सेनेटरी स्टोर के नाम से दुकान है। बताया गया कि गुरुवार शाम सेनेटरी की दुकान पर ललित कुमार बोनहेयर कंपनी का बोर्ड लगाने के लिए दुकान पर पहुंचा था। इसी दुकान पर काम करने वाले राहुल (24) पुत्र बाबूराम निवासी मंगलपुरी भी ललित की मदद करने के लिए बोर्ड को ऊपर उठने लगे। इसी दौरान छत के पास से गुजर रही हाइटेंशन लाइन से बोर्ड टच हो गया। इसके बाद भयंकर करंट लगने से राहुल और ललित गंभीर रूप से झुलस गए।
इस घटना के बाद हड़कंप मच गया। स्थानीय लोग मौके पर इकट्ठे हो गए। सूचना मिलने पर इंस्पेक्टर देवेश सिंह पुलिस फोर्स को लेकर मौके पर पहुंचे। पुलिस ने तत्काल मौके पर एंबुलेंस बुलाई और दोनों घायलों को उठाकर एंबुलेंस में रखा। इसके बाद नेशनल हाइवे स्थित कैलाश अस्पताल में पहुंचे। चेकअप के बाद चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर राहुल के परिजन मौके पर पहुंचे।
बताया गया राहुल गर्ग सेनेटरी स्टोर पर नौकरी करता था और इसके पिता बाबूराम होमगार्ड है। दो युवकों की मौत की सूचना पर पुलिस क्षेत्राधिकार दौराला अभिषेक पटेल और एसपी सिटी पीयूष कुमार मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली। पुलिस ने दोनों शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेज दिया है।
लाइनमैन की मौत, नहीं थम रहे हादसे, जिम्मेदार कौन?
शहर के बच्चा पार्क स्थित बिजलीघर के संविदा लाइनमैन संजय सोफीपुर बिजलीघर के समीप तैतीस की लाइन पर काम करते हुए हादसे का शिकार हो गए, जिसमें उनकी मौत गई। संजय पुत्र महेन्द्र सिंह तोमर निवासी पत्ता मोहल्ला मेरठ पिछले 30 सालों से महकमे में कार्यरत थे। परिवार में बूढेÞ माता-पिता के अलावा पत्नी व तीन बच्चे हैं, जिनका इकलौता सहारा संजय थे। इनको आठ से 10 हजार रुपये तक सेलरी के नाम पर दिया जाता था।
गुरुवार दोपहर संजय लाइन पर काम कर रहे थे, अचानक वह वह लाइन पर से नीचे गिरे और गिरते ही उनकी मौत हो गयी। उनकी मौत से साथ काम कर रहा स्टाफ घबरा गया। बिजलीघर पर सूचना दी गयी। मौके पर पुलिस भी पहुंच गयी। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। आन ड्यूटी संजय की मौत की सूचना से दूसरे संविदा कर्मचारी स्तब्ध हैं। कुछ पोस्टमार्टम हाउस मेडिकल पहुंच गए। हालांकि उम्मीद है कि पोस्टमार्टम कल ही होगा। पीवीवीएनएल चीफ अरबन धीरज सिन्हा ने जांच के आदेश दिए हैं।
परिवार में मचा कोहराम
संजय की मौत की खबर महकमे के स्टाफ ने ही परिजनों को दी तो परिवार में कोहराम मच गया। पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। बुजुर्ग माता-पिता और परिवार का इकलौता सहारा थे संजय। आस पड़ोस के लोग भी जमा हो गए। उनका कहना था कि बुजुर्ग माता-पिता पर पत्नी बच्चों को अब कौन पालेगा।
किस के सहारे इनका गुजारा होगा। जहां तक महकमे से मदद का सवाल है तो संविदा कर्मचारियों की मदद के नाम पर पीवीवीएनएल खासा बदनाम रहा है। मदद के नाम पर केवल मुआवजा या जिसे बीमा कहते हैं। उसको साढ़े सात लाख की रकम मिलेगी, लेकिन इस रकम के लिए भी परिजनों को लंबा इंतजार करना होगा। साढ़े सात लाख तुरंत मिल जाएंगे, ऐसा भी नहीं।
हादसा या फिर आत्महत्या
संजय की मौत की खबर के बात रोते बिलखते परिजन एक ही बात कह रहे थे कि यह हादसा है या फिर आत्महत्या कहें। महकमा भले ही इसे हादसा करार दे रहा हो, लेकिन आस पड़ोस के लोगों तथा दूसरे संविदा कर्मियों की मानें तो यह हादसा नहीं बल्कि हत्या है। संविदा कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर खासतौर से हाइटेंशन लाइनों पर काम करते हैं, उनकी सुरक्षा को लेकर जितनी लापरवाही उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में बरती जाती है, इतनी लापरवाही शायद ही किसी दूसरे महकमे में बरती जाती हो।
सुरक्षा के उपकरण देने के सवाल पर ठेकेदार नौकरी से निकालने की धमकी देता है। इस हादसे को हत्या इसलिए भी कहा जा रहा है, क्योंकि जो सेफ्टी किट होनी चाहिए थी, वो संजय को नहीं दी गयी थी। सिर की सुरक्षा के नाम पर जो हेलमेट संजय जैसे दूसरे संविदा कर्मचारियों को दिया जाता है, उसको यदि अधिक ऊंचाई से नीचे फेंक दिया जाए तो वह टूट जाएगा। इस हेलमेट को पहनकर ऊंचाई पर चढ़ने वाला कर्मचारी यदि किसी भी वजह से नीचे गिरता है तो जो हेलमेट उसको सेफ्टी के नाम पर दिया गया है, उसके भरोसे तो उसकी जान नहीं बचेगी।
मौके पर मौजूद स्टाफ का भी कहना है कि संजय की भी मौत ऊपर से नीचे गिरने और सिर में आयी गंभीर चोट के कारण हुई है। यदि हेलमेट अच्छी क्वालिटी का होता और मजबूती से बांधा होता तो शायद सिर पर लगी चोट संजय की मौत का कारण नही बनती और उसकी जान भी बच जाती, लेकिन ऐसा हो न सका क्योंकि हेलमेट जो उसे दिया गया था, वह घटिया क्वालिटी का था। इसके अलावा कहा जा रहा है कि झोटा खिसक गया। झोटा एक प्रकार का जुगाड़ होता है। इसका प्रयोग तब किया जाता है। जब लाइनमैन खंभे पर काम करने के लिए सीढ़ी पर चढ़ता है।
जबकि मानकों के अनुसार सीढ़ी पर चढ़ने वाले लाइनमैन को एक बेल्ट दी जानी चाहिए, जो उसके पूरे शरीर पर कसी रहे, यदि पैर फिसल जाए या फिर अचानक लाइन चालू होने की वजह से बिजली का झटका लगे तो वह गिरे नहीं और मौत जैसी घटना से उसे बचाया जा सके। इसके अलावा रबड़ के ग्लबज और रबड़ के लॉग शूज इनसे से कुछ भी संजय के पास नहीं था। सुरक्षा में चूक के लिए कौन जिम्मेदार होगा? इसलिए इसको हादसा नहीं हत्या करा दिया जा रहा है,
लेकिन कुछ कह रहे हैं कि यह आत्महत्या से कम नहीं। संजय 30 साल से महकमे में नौकरी कर रहे हैं और सेलरी के नाम पर आठ से 10 हजार रुपये और काम कितना जोखिम भरा। मौत की खबर सुनकर घर पर जमा हुए लोगों का कहना है कि महज आठ से 10 हजार के लिए जान जोखिम में डालने वाला काम करना आत्महत्या नहीं तो और क्या?
प्रतिदिन चार हादसे
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन की यदि बात की जाए तो औसतन प्रतिदिन चार से पांच हादसे होते हैं। इनमें काम के दौरान होने वाले हादसों में मरने वालों की बड़ी संख्या है। पीवीवीएनएल की यदि बात की जाए तो सप्ताह में औसतन चार हादसे होते हैं। जबकि मरने वालों का आंकड़ा आठ से 10 साल है। वहीं, जहां तक सुरक्षा की जिम्मेदारी की बात है तो यह काम विद्युत सुरक्षा निदेशालय का है,
लेकिन संविदा कर्मचारियों के साथ होने वाले हादसों के मामले में विद्युत सुरक्षा निदेशालय का ट्रेक रिकार्ड कोई खासा अच्छा नहीं है। वहीं सवाल पूछा जा रहा है कि हादसों के लिए जिम्मेदार कौन है? क्या संजय की मौत जैसे हादसों के लिए किसी की जिम्मेदारी तय की जाएगी या फिर हादसा मानकर भूला दिया जाएगा?
चीफ ने दिए जांच के आदेश
पीवीवीएनएल चीफ अरबन धीरज सिन्हा ने बताया कि बच्चा पार्क स्थित बिजलीघर के कर्मचारी संजय की मौत के हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। साथ ही रिपोर्ट भी तलब कर ली गयी है।