जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अपनी क्षमताएं काफी बढ़ाई हैं। देश की क्षमताएं अब विश्व के कई अन्य देशों के बराबर है और कई मौकों पर तो वह उनसे भी आगे रहा हैं।
दरअसल आपदा राहत के लिए क्षमता निर्माण सम्मेलन 2022 को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि हमने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में लंबा सफर पूरा किया है। इससे पहले 90 के दशक की पुनर्वास केंद्रित नीति लागू थी। अब हम किसी आपदा के बहुत पहले ही उसके बारे में सूचना प्राप्त करने में सक्षम हैं। खतरे की सूचना जल्दी मिलने से हम जानमाल को बचाने में सक्षम हुए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
+-+o के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के कारण हम (भारत) किसी आपदा के दौरान होने वाली मौतों की संख्या को कम करने में कामयाब रहे हैं। इसके साथ ही गृह मंत्री ने आपदा प्रबंधन की क्षमता निर्माण और किसी भी आपदा से संबंधित सूचना को निचले स्तर तक उचित तरीके से पहुंचाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमें किसी भी आपदा से बहुत पहले सटीक जानकारी मिलती है। संभावित आपदा से संबंधित जानकारी को समय पर निचले स्तर तक पहुंचाने की आवश्यकता है। उस क्षेत्र को सतर्क करने के लिए जहां आपदा होने वाली है, संपत्ति के नुकसान को कम करें और जीवन बचाएं। इन सभी चीजों में पेशेवर महारत तब तक हासिल नहीं की जा सकती जब तक कि आपदा प्रबंधन से जुड़ी सभी एजेंसियों के बीच उचित समन्वय न हो। अमित शाह ने राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) को लोगों के जीवन को बचाने और आपदा जैसी स्थिति के दौरान जरूरतमंदों की मदद करने के अलावा राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) की सहायता करने के लिए भी सराहना की।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एनडीआरएफ के प्रमुख अतुल करवाल को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि किसी भी आपदा या बिजली गिरने की घटना के बारे में प्राप्त जानकारी न केवल जिला स्तर पर बल्कि गांव या उस स्थान पर भी पहुंचे, जहां यह हो सकती है। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं की समय अवधि बहुत सीमित होती है। अमित शाह ने कहा कि एनडीआरएफ के डीजी करवाल को एनसीसी, एनएसएस और होम गार्ड की ताकत को मिलाकर अलर्ट सिस्टम स्थापित करना चाहिए।