- अवैध तौर पर निर्माण हो रहा था पटाखों का
- एक जिंदगी खत्म और सात जूझ रहे जीवन और मौत के बीच
- विस्फोटक पदार्थ से हुआ था मकान में धमाका फटा सिलेंडर
- फॉरेंसिक टीम को मिले सबूत, फ्रीज, टीवी और अन्य सामान नष्ट
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: समर गार्डन के 60 फुटा रोड पर इंतजार के मकान में विस्फोट सिलेंडर फटने से नहीं हुआ बल्कि विस्फोट से हुआ है। फॉरेंसिक टीम को मौके से विस्फोटक सामग्री के पार्टस मिले है। अनुमान लगाया जा रहा है कि मकान में आतिशबाजी बनाने का काम होता होगा। फिलहाल लिसाड़ीगेट थाने में मकान मालिक के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
इंतजार के मकान के मलबे की जांच करते हुए फॉरेंसिक टीम को विस्फोट से जुड़े तमाम सबूत मिले हैं। इससे यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि विस्फोट होने से घर में रखा सिलेंडर भी फट गया जिससे परिवार की एक महिला की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गये। फॉरेंसिक टीम को पहले से ही अंदेशा था कि सिलेंडर फटने से ऐसी तबाही नहीं हो सकती है।
वहीं मौके पर मौजूद भीड़ ने भी पुलिसकर्मियों को पटाखों के खोल लाकर दिये थे। अनुमान लगाया जा रहा है कि आतिशबाजी के लिये लाये गए केमिकल में विस्फोट के कारण धमाका हुआ और इसने सिलेंडर को अपनी चपेट में ले लिया। इस धमाके के कारण घर में रखा फ्रीज, टीवी और अन्य सामान पूरी तरह से नष्ट हो गए।
डीएम दीपक मीणा और एसएसपी रोहित सिंह सजवान ने बताया कि प्रथम सूचना पुलिस को सूचना मिली थी आवासीय मकान में धमाका हुआ है। जिसकी वजह छत और दीवारें भरभरा कर गिर गईं। पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और आठ लोगों को रेस्क्यू किया। एसएसपी का कहना है कि इस बात की छानबीन की जा रही है कि किन वजहों से धमाका हुआ। आसपास के लोगों से बात की जा रही है कि यहां पर क्या गतिविधि चल रही थी।
उन्होंने कहा कि अगर कोई अवैध गतिविधि चल रही थी तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी ने कहा कि सैंपल कलेक्ट किए जा रहे हैंऔर उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि शाम को सूचना मिली थी कि समरगार्डन क्षेत्र में एक आवासीय मकान में विस्फोट हुआ है। पुलिस की टीम यहां पर पहुंची तो मकान भरभरा कर गिरा हुआ था। और धमाके की धमक से आसपास के मकानों को भी क्षति हुई है।
उन्होंने कहा कि फायर यूनिट फॉरेंसिक फील्ड यूनिट भी इस मसले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर किसी और प्रकार का विस्फोट हुआ है तो उसकी भी जांच की जाएगी। एसपी सिटी ने बताया कि कुछ लोग सिलेंडर के धमाके की बात कर रहे हैं तो कुछ अवैध पटाखों की बात। जांच में ये स्पष्ट हो जाएगा कि आखिर धमाके का कारण क्या था। उन्होंने कहा कि इस बात की पड़ताल की जा रही है कि यहां पर क्या कार्य चल रहा था। देर रात लिसाड़ीगेट थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
ससुराल से आई शमीमा मौत के मुंह में गई
इससे ज्यादा दुर्भाग्य की बात और क्या होगी विस्फोट में मारी गई शमीमा कुछ दिन पहले भावनपुर के औरंगाबाद गांव स्थित ससुराल से अपने तीन बच्चों के साथ आई थी। घर में इसकी दूसरी बहन शगुफ्ता भी इसी गांव में ब्याही है। मकान मालिक इंतजार की पत्नी की पहले ही मौत हो चुकी थी। घर में तीन बेटियां शगुफ्ता, शमीमा और फहीमा है। घर में छह बच्चे भी है।
घटना के वक्त इंतजार समेत पूरा परिवार घर में ही था। विस्फोट होते ही मकान की छत सीधे शमीमा के ऊपर गिरी और गंभीर रुप से घायल होने के कारण मौके पर ही मौत हो गई थी। इंतजार भी घायल हो गया था और काफी देर तक दहशत के कारण बेहोश भी रहा और उसे पास के नर्सिंगहोम में भर्ती कराया गया था। शमीमा की मौत पर रोने वाला भी कोई नहीं था क्योंकि पूरा परिवार घायल हो गया था।
कुरआन सुरक्षित निकाली
मकान के मलबे के अंदर लोगों की जान तलाश रहे स्थानीय लोगों को कमरे में रखी पवित्र कुरान मिली। अनस चौधरी आदि ने कुरआन को सम्मान के साथ उठाया और सुरक्षित स्थान पर रखवा दिया।
सात थानों की फोर्स तैनात
विस्फोट के कारण मौके पर मौजूद हजारों लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिये सात थानों लिसाडीगेट, ब्रहमपुरी, नौचंदी, देहलीगेट, रेलवे रोड, सदर और सिविल लाइन थाने की पुलिस के अलावा एसपी ट्रैफिक जितेन्द्र श्रीवास्तव, एएसपी विवेक यादव, सीओ ट्रेनी आदि मौजूद थी।
हजारों की भीड़ एकत्र, पुलिस ने खदेड़ा कई बार
विस्फोट और मकान के ढहने की खबर लगते ही मौके पर हजारों लोग एकत्र हो गए थे। मकानों की छतों पर महिलाएं और बच्चे और नीचे आसपास के कई मौहल्लों की भीड़ इस कदर एकत्र हो गई कि पुलिस को कई बार इनको लाठियां फटकार कर खदेड़ना तक पड़ा। घटनास्थल पर कोई न आ पाये इसके लिये रस्सियां पकड़ कर लोग खड़े हुए थे, इसके बावजूद लोग टूट पड़ रहे थे।
जब आरएएफ मौके पर आई और उसने सख्ती दिखाई तब जाकर लोग पीछे हटने को मजबूर हुए। विस्फोट होने के चंद मिनटों में हजारों की तादाद में लोग घरों से निकल कर घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े थे। हर कोई मलबे पर चढ़ने को बेकाबू हो रहा था। आसपास के मकानों की छतों पर महिलायें और युवतियां खड़ी होकर राहत कार्य को देख रही थी।
सड़क के दूसरी तरफ इस कदर भीड़ बढ़ती जा रही थी कि राहत कार्य में दिक्कतें आने लगी थी। पहले एसपी सिटी विनीत भटनागर और सीओ कोतवाली अरविन्द चौरसिया ने समझाने की कोशिश की जब लोग नहीं माने तो पुलिस ने लाठियां फटकार कर लोगों को भगा दिया।
विस्फोट के बाद धूल के गुब्बार से अंधेरा छा गया
समर गार्डन के 60 फुटा रोड स्थित इंतजार के मकान में जैसे ही विस्फोट हुआ और छत और कमरा भरभरा कर नीचे गिरा तो उससे उड़े गुब्बार ने पूरे इलाके में अंधेरा जैसा कर दिया। ऐसा मंजर काफी देर तक रहा। जब धूल छंटी तो लोगों की चित्कार सुनाई देने लगी। इंतजार के 100 गज के मकान की छत और पहली मंजिल पर बने कमरे को मिट्टी में मिलने में बमुश्किल पांच मिनट भी नहीं लगे होंगे।
जिस वक्त यह हादसा हुआ घर के सामने से निकल रहे जुनैद ने पुलिस को बताया कि विस्फोट होते ही छत के टुकड़े काफी ऊंचाई तक गए और आंखों के सामने पूरी छत एक पल में मिट्टी में मिल गई। जुनैद ने बताया कि मकान के बगल में खाली प्लाट में मलवा जब गिरने लगा तो ऐसा लगा कि इस हादसे में कई लोगों की जानें गई होगी। जानवरों के लिये कुट्टी लेकर जा रहे फरमान ने बताया कि जब वो घर के सामने से निकला तो सबकुछ सही था और बच्चे घर के बाहर खेल रहे थे, लेकिन 10 मिनट बाद ही पूरा मंजर ही बदल गया।
लोगों को बचाने में जुटे
अफसरों के पहुंचने से पहले स्थानीय लोग मलबे में दबे लोगों को बचाने में जुट गए थे। वहां की स्थिति को देखकर अधिकारियों ने बुलडोजर बुलाकर मलबा हटवाया, लेकिन तब तक इंतजार की 32 वर्षीय बेटी शमीमा पत्नी उस्मान की मौत हो चुकी थी।
मलबे में दबकर इंतजार, उसकी बेटी शगुफ्ता और शगुफ्ता की बेटी मुस्कान व रोजी, बेटे उजेब व आर्यन और बड़ौत निवासी सुनील पुत्र जयचंद समेत आठ लोग घायल हो गए। सुनील को दिल्ली रेफर कर दिया गया। डीएम दीपक मीणा और एसएसपी रोहित सिंह सजवान भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं। गाजियाबाद से एनडीआरएफ की टीम भी पहुंची।
पटाखों की फैक्ट्री में विस्फोट से मरे थे 12 लोग
हापुड़ जिले में धौलाना स्थित औद्योगिक क्षेत्र में पांच जून को एक केमिकल फैक्ट्री में बॉयलर फटने से 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 21 अन्य घायल हो गए थे। धौलाना में यूपीएसआईडीसी (औद्योगिक क्षेत्र) में स्थित फैक्ट्री में प्रभावित इलाके में करीब 30 लोग थे, जब यह घटना हुई थी। बच्चों की खेलने की बंदूक में लगने वाले बारुद में विस्फोट होने से धमाका हुआ था और उससे बारह लोग मरे थे। इसके अलावा शहर में विस्फोट की पहले भी कई घटनाएं हो चुकी है। पटाखे बनाने का काम तमाम दावों के बाद भी रुक नहीं रहा है। सरूरपुर, सरधना, मवाना, लिसाड़ीगेट आदि इलाकों में पटाखे बनने की शिकायतें पुलिस को मिल रही है।