Friday, April 26, 2024
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आम मरीजों के लिए एक साल से बंद है झिंझाना सीएचसी

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  • पिछले साल एल-1 कोविड अस्पताल में की थी तब्दील

जनवाणी संवाददाता |

झिंझाना: झिंझाना स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आम मरीजों के लिए बंद है। पिछले एक साल से यहां आम मरीजों का कोई उपचार नहीं हो रहा। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग ने एक साल पहले ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को एल-1 अस्पताल बना दिया।

जिसमें पिछले एक साल से सिर्फ कोरोना संक्रमित लोगों का उपचार हो रहा है। एक सप्ताह से कोरोना संक्रमित व सांस लेने मे परेशानी होने वाले मरीजों को भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है। इस एल-1 अस्पताल में मरीजों के लिए 30 बैड और आॅक्सीजन की सुविधा से लैस 20 बैड अलग हैं।

झिंझाना कस्बे के ऊन रोड पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र वैसे तो हमेशा से ही डाक्टरों व स्टाफ की कमी से जूझता रहा है। लेकिन जितने भी डाक्टर हैं उनसे उपचार पाने के लिए कस्बे के साथ आसपास के गांवों से भी मरीज अस्पताल में आते थे। लेकिन कोरोना महामारी ने सब कुछ बदल दिया। संक्रमण फैलने के कारण लॉकडाउन लगाना पड़ा और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झिंझाना की ओपीडी व एमरजेंसी सेवा बंद कर जनपद का कोविड 19 एल-1 अस्पताल बनाया गया था।

जिसे पहले तो 30 बैड से लेस किया गया था लेकिन बाद में अस्पताल की क्षमता 30 से बढ़ाकर 50 कर दी गई थी। जब कोरोना महामारी का प्रकोप घट गया तो क्षेत्र के लोगों ने ओपीडी शुरु कराने की मांग की जिस पर अस्पताल पर केवल नार्मल बीमारी की और प्रसव की सुविधा को जनवरी माह में शुरू किया गया। फरवरी माह में कोरोना रोधी वैक्सीन सैंटर भी बनाया गया था। लेकिन कोविड 19 की दूसरी लहर आने पर दोबारा से ओपीडी बंद कर दी गई और अस्पताल पर केवल वैक्सीनेशन ही कराया जा रहा था।

कोरोना संक्रमण के बढ़ते क्रम को देखते हुए 16 मई से अस्पताल को फिर से एल-1 के रूप में शुरू कर दिया गया। कोविड-19 एल-1 अस्पताल में 30 बैड की लिमिट रखी गई थी जिसे बढ़ाकर बाद में 50 कर दी गई। 20 बैड पर आॅक्सीजन की सुविधा दी गई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोविड-19 एल-1 पर तैनात डा. शशिकांत ने बताया कि 16 मई से अस्पताल को कोविड-19 एल-1 के रुप में दोबारा शुरु किया गया है।

जिसमें 21 मई को पहला मरीज आया था जिसका उपचार चल रहा है। वही 24 मई को एक महिला सांस लेने मे परेशानी होने पर अस्पताल आई थी जिसको उपचार दिया गया था। अब उसका आॅक्सीजन लेवल सही है और कोरोना जांच भी नेगेटिव आई तो उपचार के बाद छुट्टी कर दी। अब केवल एक मरीज का उपचार चल रहा है। अस्पताल में आॅक्सीजन व दवाई की कोई कमी नहीं है।

ऊन भेजे जा रहे प्रसव के लिए आने वाले केस

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र झिंझाना पर कोरोना महामारी से पहले ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 200-250 मरीज उपचार के लिए आते थे। वहीं मेरठ-करनाल हाईवे पर एक-दो केस प्रतिदिन एक्सीडेंट व इमरजेंसी में आते थे। अस्पताल पर हर महीने लगभग 100-150 महिलाओं की डिलवरी केस भी होते थे। जिनको अब ऊन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भेजा जा रहा है।

बड़ा क्षेत्र होने के चलते सबसे ज्यादा गर्भवती महिलाओं को परेशानी हो रही है जो इलाज के लिए इधर-उधर भटक रहे है। लेकिन कोरोना महामारी के चलते जबसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को जनपद का कोविड 19 एल वन अस्पताल बनाया गया है। तब से अस्पताल पर ओपीडी व इमरजेंसी व डिलवरी सेवा बंद हो गई है। जिससे क्षेत्र व कस्बे के लोगोें को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

फार्मासिस्ट चला रहे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

मेरठ करनाल हाईवे के गांव केरटू में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर भी स्टाफ की कमी है। जिसके चलते यहां पर सिर्फ डा. अशोक कुमार सैनी की तैनाती है। लेकिन कोरोना महामारी के चलते डा. अशोक कुमार सैनी की डयूटी कोरोना जांच के लिए सेम्पलिंग में लगाई गई है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर फार्मासिस्ट अरविंद कुमार व वार्ड ब्याय सलेकचंद ही अस्पताल चला रहा हैं। फार्मासिस्ट अरविंद मरीजों का दवाई दे रहे हैं।

चिकित्साधीक्षक झिंझाना में बजट मिलता है ऊन से

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर तैनात चिकित्साधीक्षक केवल झिंझाना तक ही सीमित है जबकि इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की विडंबना यह भी है कि इसका बजट ऊन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अन्तर्गत ही आता है। इसकी देखरेख व रख रखाव का बजट भी प्रभारी चिकित्साधिकारी ऊन से ही स्वीकृत होता है। झिंझाना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर तैनात चिकित्साधीक्षक केवल नाम मात्र के लिए ही होता है।

विभागीय बागडोर एमओआईसी ऊन के हाथ मेंही होती है। कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर स्टाफ की भी कमी है जिसके चलते यहां पर कोविड-19 एल-1 बनने से पहले स्वास्थ्य केन्द्र पर डा. नवजीत बैदी चिकित्साधीक्षक, डा. शशिकांत, डा. सुनील कुमार, देवेंद्र कुमार व रविंद्र कुमार फार्मेसिस्ट, विभा रानी स्टाफ नर्स, स्टाफ नर्स मेरी, अमित कुमार स्टाफ नर्स, चंद्रबोस, इकबाल वार्डब्वाय व सुषमा वार्ड आया तैनात है। डा. शशिकांत ने बताया कोविड 19 एल वन अस्पताल में तीन अलग-अलग शिप्ट में जिले से डयूटी लग रही है। जिसमें चिकित्साधीक्षक के अलावा एक डाक्टर, दो स्टाफ नर्स, एक वार्ड ब्याय व एक स्वीपर की डयूटी लगाई गई है।

सुविधाओं की जानकारी देने से बचे चिकित्साधीक्षक
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र झिंझाना की मूलभूत सुविधाओं व अन्य जानकारी के लिए जब प्रभारी चिकित्साधिकारी ऊन डाक्टर सलीम से बात की गई तो वह बचते नजर आए। जब डाक्टर सलीम से स्टाफ को लेकर जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कोविड महामारी के चलते सभी की डयूटी लगी है और सभी अपने कार्य को अंजाम दे रहे है। लेकिन स्टाफ ओर अन्य जानकारी जिले पर बैठे उच्चधिकारी ही बताएंगे।

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