Friday, December 13, 2024
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शीत लहर और कोहरे का कहर, जाड़ा अब आठो पहर

  • नगर निगम की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर नहीं जलवाए जा रहे अलाव

जनवाणी संवाददाता |

सहारनपुर: दिसंबर चल रहा है। तापमान लगातार गिर रहा है। दिन तो दिन रात के समय सर्दी और ज्यादा बढ़ गई है, लेकिन नगर निगम की ओर से अभी तक सड़कों पर रहने वाले लोगों को ठंड से बचाने के लिए पर्याप्त बंदोबस्त नहीं किए हैं। नतीजा लोग खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं। लोग फुटपाथ, खोदी गई सड़कों, रेलवे स्टेशन के बाहर खुले में सोने को मजबूर है।

दो साल पहले तक नगर निगम स्थायी रैन बसेरों के साथ ही स्टेशन के बाहर अस्थायी रैन बसेरे की भी व्यवस्था करता रहा है, लेकिन एक साल से केवल स्थायी रैन बसेरों में सुविधा दी जा रही है। गौर करने वाली बात यह है कि इस बार अभी तक अलाव के लिए लकड़ी की भी व्यवस्था निगम ने नहीं की है। ऐसे में लोग कचरा इकट्ठा कर और पुराने कपड़े जलाकर सर्दी से राहत पाने का प्रयास कर रहे हैं।

आदत से मजबूर हैं लोग, नहीं जाते रैन बसेरा

फुटपाथ और सड़कों किनारे जिंदगी बिताने वाले लोग खुद भी रैन बसेरे में जाना नहीं चाहते हैं। बीते वर्षों में प्रशासन और निगम के अधिकारी उक्त लोगों को रात में उठाकर रैन बसेरे में ले जाने का प्रयास कर चुके हैं। इनमें से कुछ लोग ना जाने की जिद पर अड़ जाते हैं, जबकि कुछ फिर से लौटकर यहीं आ जाते हैं। इसकी वजह यह है कि लोग इनको फुटपाथ पर गर्म कपड़े, कंबल और भोजन देकर जाते हैं, जिसके लालच में यह फुटपाथ और सड़क नहीं छोड़ते हैं।

नगर में नहीं की गई अलाव की व्यवस्था

इन दिनों ठंड जोरों पर है। इससे बचाव के लिए लोग वि•िान्न जतन कर रहे हैं। 10-12 दिनों से सर्दी के प्रकोप से जहां सुबह व रात का पारा काफी नीचे आ गया है वहीं दिन का तापमान भी 15 डिग्री तक आ पहुंचा है। इन सर्द हवाओं व कंपकंपा देने वाली ठंड से बचाव के लिए अभी तक नगर निगम ने नगर में कहीं भी अलाव जलाने की व्यवस्था नहीं की है। जबकि शासन को ठंड शुरू होते ही अलाव की व्यवस्था करनी चाहिए।

ठिठुरते हैं लोग

ठंड के मौसम में नए बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन के बाहर के यात्री ठिठुरते रहते हैं। सिविल अस्पताल में मरीजों के साथ आए लोगों को रहने की व्यवस्था नहीं होने से उन्हें ऐसी ठंड में भी आसमान के नीचे सोना पड़ता है। रेलवे स्टेशन पर भी ट्रेन के इंतजार में यात्रियों को स्टेशन के बाहर ठंड से सामना करना पड़ता है। इन स्थानों पर लकड़ी की व्यवस्था नहीं होने से अलाव नहीं जल रहे हैं।

वर्जन-:

अस्थायी रैन बसेरे की व्यवस्था बीते साल से बंद कर दी गई थी। हमारे पास एक नगर निगम का और एक-एक रैन बसेरा जिला अस्पताल और जिला महिला अस्पताल में है। जो लोग सड़कों पर सो रहे है उन्हें रैन बसेरा में सोने के लिए कहा जाएगा। 15 दिसंबर से अलाव जलवाए जाएंगे।

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