Thursday, March 28, 2024
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कोरोना संक्रमण बेकाबू, 1634 पॉजिटिव, 10 मौतें

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  • इस माह के 21 दिनों में 10 हजार पॉजिटिव, 40 मौतें

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कोरोना के संक्रमण ने पूरे शहर को अपने शिकंजे में ले लिया है। गुरुवार को हुई 6635 टेस्टिंग में 1634 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। वहीं, 10 से अधिक लोगों की मौत हुई है। जबकि स्वास्थ्य विभाग सिर्फ दो मौतों की जानकारी दे रहा है। जनपद में कोरोना से अब तक 31637 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 435 लोगों की मौत हो चुकी है।

सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। पहली बार आंकड़ा डेढ़ हजार को पार करता हुआ 1634 तक पहुंच गया। कोरोना गांवों में तेजी से फैलता जा रहा है। भूड़बराल में 10 लोग संक्रमित निकले। एसडीएस ग्लोबल अस्पताल में छह संक्रमित, दौराला और सिवाया में दो दर्जन से अधिक लोग, प्रहलाद नगर में एक ही परिवार के 10 लोग समेत 22 लोग संक्रमित निकले हैं।

जयभीम नगर और जागृति विहार के 31 लोग संक्रमित निकले हैं। मेडिकल कालेज परिसर के एक दर्जन से अधिक लोग संक्रमित हो गए है। शास्त्रीनगर और जागृति विहार में संक्रमण तेजी से फैल रहा है और काफी संख्या में लोग पॉजिटिव निकल रहे हैं। कोरोना के कारण ढिकौली, मवाना समेत तमाम गांवों में संक्रमण फैल रहा है। कोरोना ने पीएसी, बैंक, छात्र, पुलिसकर्मी और व्यापारियों को शिकंजे में लिया है।

रेमडेसिविर इंजेक्शनों की नर्सिंग होमों में हो रही कालाबाजारी

कोरोना के जबरदस्त आतंक में नर्सिंग होमों ने जान बचाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की जमकर कालाबाजारी की जा रही है। मेरठ ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन ने जिलाधिकारी से मिलकर इस पर रोक लगाने की मांग की। नर्सिंग होमों ने मरीजों की रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर जेब काटनी शुरू कर दी है। जिस मरीज को दो बॉयल की जरूरत है उसे जान कर छह इंजेक्शन लिखे जा रहे है।

एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश गुप्ता, महामंत्री रजनीश कौशल और पूर्व अध्यक्ष मैनकाइंड के संजय बंसल ने बताया कि कोरोना में प्रयोग होने वाली दवाइयों की कमी हो गई है। प्रशासन ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति तो अपने हाथ में ले ली है कि नर्सिंग होम वाले जानबूझ कर मरीजों को मेडिकल स्टोरों पर भेज रहे हैं। इस बारे में एडीएम सिटी अजय तिवारी से बात की गई तो उन्होंने भी मजबूरी जताते हुए कहा कि अगर मरीजों से कहा जाए कि डीएम के पास इंजेक्शन है तो भीड़ कलक्ट्रेट में उमड़ पड़ेगी। दवा व्यापारियों का कहना था कि दवाओं के संकट को दूर किया जा सकता है।

मेडिकल में देरी ने सांस उखाड़ी

लाख स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन कोविड के मरीजों को इलाज की सुविधा देने का दावा करे लेकिन जब हकीकत में इसकी पड़ताल की जाती है तो तस्वीर का दूसरा रुख स्याह दिखता है। ऐसा ही कुछ मेडिकल कालेज में गुरुवार की रात को हुआ जब कोविड सेंटर में तैनात स्टाफ की हीला हवाली के कारण एक बुजुर्ग महिला ने आक्सीजन का लेवल खतरनाक तरीके से गिर जाने के कारण दम तोड़ दिया। शास्त्रीनगर निवासी एक महिला कोरोना से संक्रमित थी। उसे सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।

आॅक्सीजन का स्तर कम होने के कारण आॅक्सीजन सपोर्ट दी जा रही थी। शहर के कोविड अस्पतालों में भर्ती कराने के लिये पूरा परिवार जोर लगा रहा था। किसी भी अस्पताल ने बेड नहीं दिया। हार थक कर मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. ज्ञानेन्द्र कुमार से संपर्क किया गया और बेड उपलब्ध कराने को कहा गया। परिवार के लोग जब महिला को एंबुलेंस में लेकर मेडिकल कालेज पहुंचे तो उनको भर्ती करने से पहले करीब एक घंटे इंतजार करने को कहा गया।

सरकारी तंत्र और आईसीयू में बेड फुल होने के कारण स्टाफ ने इंतजार करने को कहा गया। इस बीच महिला की हालत बिगड़ी और बाद में दम तोड़ दिया। अगर मेडिकल का स्टाफ एंबुलेंस में ही महिला को प्राथमिक उपचार दे देता तो शायद जान बचाई जा सकती थी। कोरोना से लड़ने में पूरी तरह से नाकाम सिस्टम के कारण अकेले इस महिला ने ही दम नहीं तोड़ा बल्कि 10 से अधिक लोग अपनी जान गंवा बैठे और जान गंवा रहे हैं।

दु:खद सरधना में दो भाइयों समेत चार की मौत

क्षेत्र में कोरोना महामारी के बीच 24 घंटों में दो भाइयों समेत चार लोगों की मौत से लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। एक भाई की रात में मौत हो गई तो दूसरे ने गुरुवार को अस्पताल में दम तोड़ दिया। उसे सांस लेने में परेशानी हो रही थी। दूसरे मोहल्ले में एक अन्य व्यक्ति की बुखार के बाद अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। इसके अलावा एक अन्य व्यक्ति की भी बुखार होने के कुछ घंटों बाद मौत होने का मामला सामने आया है। कुल मिलाकर सरधना में पिछले 24 घंटों में चार लोगों की मौत की घटना सामने आई हैं। मामले में स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी है।

शेखान मोहल्ला निवासी 40 वर्षीय जफर पुत्र फारुक को एक दिन पहले ही बुखार आया था। कुछ ही घंटों में युवक की तबीयत बिगड़ती चली गई। इससे पहले की परिजन कुछ समझ पाते, बुधवार की रात उसकी मौत हो गई।जफर का भाई अकबर भी मेरठ अस्पताल में भर्ती था। उसे भी सांस लेने में परेशानी हो रही थी। गुरुवार को उसकी भी उपचार के दौरान मौत हो गई।

दौराला रोड पर 45 वर्षीय शहजाद खान पुत्र इस्तियाक को भी एक दिन पहले ही बुखार हुआ था। परिजनों ने उपचार शुरू कराया, लेकिन उसकी तबियत में भी सुधार नहीं हुआ। रात को घर पर ही शहजाद ने भी दम तोड़ दिया। मतलब एक बस्ती में एक दम तीन मौत होने से लोगों में शोक के साथ दहशत का माहौल है। गंज बाजार निवासी खलीक पुत्र अब्दुल की भी अचानक से तबीयत बिगड़ी और उसने भी दुनिया को अलविदा कह दिया।

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