- बढ़ रही चारा की समस्या, चारागाहों में बाढ़ का पानी जमा, आवागमन में हो रही दिक्कतें
जनवाणी संवाददाता |
हस्तिनापुर: शुक्रवार को बिजनौर बैराज से मात्र 95 हजार क्यूसेक व हरिद्वार से 67 हजार क्यूसेक रह गया है। बाढ़ का पानी अब भी सड़कों पर भरा होने से आवागमन में भी दिक्कतें हो रही है। गत तीन सप्ताह गंगा नदी में आई भयंकर बाढ़ ने खादर क्षेत्र के दर्जनों गावं को बर्बादी की कगार पर ला खड़ा कर दिया। गंगा के जलस्तर में हो रही कमी से लोगों ने राहत की सांस ली है।
जलस्तर में कमी से गांवों की आबादी और जंगलों से पानी उतर कर गंगा की सीमा में पहुंच गया है, परंतु गहरे खेतों में अब भी पानी भरा है। गर्मी के चलते पानी भरे खेतों में खड़ी गन्ने, धान और चारा की फसले बर्बाद होने लगी है। बिजनौर बैराज के अवर अभियंता पीयूष कुमार के अनुसार रविवार को गंगा नदी में 95 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज चल रहा था।
मौसम ने उड़ाये खादर के होश
शुक्रवार को आसमान में छाये बादलों ने गंगा किनारे बसे गांवों के लोगों को एक बार फिर परेशानी में डाल दिया। अभी एक सप्ताह पूर्व आई बाढ़ को लोग भुला भी नहीं पाये थे कि मौसम ने एक बार फिर रुख बदलना शुरू कर दिया।
बढ़ने लगा चारे का संकट
खादर क्षेत्र में आई बाढ़ के कारण गंगा की तलहटी के आसपास खड़ी हजारों हेक्टेयर धान और चारा की फसलें जलस्तर में कमी के बाद खराब होने लगी है।
अधिकाश चारागाहों में चारा भी जलभराव के कारण खराब हो गया है। जिसे खादर क्षेत्र के दर्जनों गांवों में पशुओं के लिए चारे का संकट बढ़ता जा रहा है।
178 करोड़ की लागत से बनेगा तटबंध
शुक्रवार को प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने बाढ़ प्रभावित गांव तारापुर पहुंचकर ग्रामीणों से वार्ता कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया। ग्रामीण बाबा बूटा सिंह ने खादर क्षेत्र में प्रतिवर्ष आने वाली बाढ़ से होने वाले नुकसान के बारे में बताया। वहीं, देवेंद्र सिंह ने कच्चे तटबंध से निकल रहे पानी को रोकने की मांग की। इस अवसर पर प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने डीएम दीपक मीणा से खादर क्षेत्र में आने वाली बाढ़ की जानकारी ली।
डीएम ने उन्हें खादर क्षेत्र में कच्चे तटबंध के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह तटबंध कारसेवकों ने बनाया था और अब 178 करोड़ रुपये शासन द्वारा मंजूर कर लिए गए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कच्चे तटबंध से पानी निकल रहा है। जो खदर क्षेत्र में अगले दो महीने तक तबाही मचाएगा।
जिसके बाद कैबिनेट मंत्री ने डीएम और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि टूटे तटबंध से निकल रहे पानी को रोकने के लिए फिलहाल अस्थाई प्रबंध कर लिए जाएं। इस अवसर पर डीएम दीपक मीणा, एसएसपी रोहित सिंह सजवाण, पूर्व जिलाध्यक्ष विमल शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी, अजीत सिंह, सुशील नागर, हरेंद्र चौहान, ध्यान सिंह, प्रदीप मान आदि मौजूद रहे।