- खेतों में पानी भरने से फसलें पूरी तरह बर्बाद
- पीड़ित किसान कर रहे मुआवजे की मांग
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: हिंडन नदी ने आसपास बसे गांवों के जंगल में कहर बरपा रखा है। दर्जनभर गांव के जंगलों में सैंकड़ों किसानों की हजारों बीघा गन्ना, धान, ज्वार, सब्जी आदि की फसले पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। क्योंकि जंगल में कई फीट तक पानी भर गया। हिंडन का पानी आबादी में भरना शुरू हो गया था। इन सबके बीच गुुरुवार की रात से लोगों को राहत मिलनी शुरू हुई। रात से हिंडन का जलस्तर कुछ कम होना शुरू हुआ।
शुक्रवार को हिंडन का जलस्तर कई फुट तक कम हो गया। जिससे दूर के खेतों से पानी उतरा। इसके अलावा अन्य खेतों में भी पानी कम होना शुरू हो गया। जलस्तर कम होने से लोगों ने भी राहत की सांस ली है। मगर किसान अपनी फसलों को बचा नहीं पाए हैं। खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं।
वहीं मुल्हैड़ा गांव के जंगल में पानी उतरने के बाद एक किसान के नलकूप के गिरने का मामला सामने आया है। पीड़ित किसानों ने शासन प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। वहीं तहसील प्रशासन लगातार हिंडन से प्रभावित इलाकों का सर्वे करा रहा है। ताकि नुकसान का आकलन किया जा सके। सही आकलन तो पानी उतरने के बाद ही संभव है।
पानी उतरने पर बीमारी फैलने का खतरा
हिंडन का जलस्तर कम होने से लोगों ने राहत की सांस तो ली है। मगर पानी उतरने के बाद आसपास के इलाकों में बीमारी फैलने का खतरा भी बना हुआ है। वहीं पानी उतरने के बाद खेतों में हुए नुकसान का सही पता चल सकेगा।
ध्वस्त हुआ मुल्हैड़ा में नलकूप
हिंडन का जलस्तर कम होने के साथ ही खेतों से पानी उतरना शुरू हो गया है। मुल्हैड़ा गांव के जंगल से पानी उतरने लगा है। पानी उतरने के बाद भी किसानों की परेशानी कम नहीं हो रही है। पानी उतरने के बाद मुल्हैड़ा के जंगल में एक किसान का नलकूप के लिए बना भवन ध्वस्त हो गया। पीड़ित किसान ने मुआवजे की मांग की है।