Friday, April 26, 2024
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…तो इसलिए भाजपा नेता संजय खोखर को जान गंवानी पड़ी

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  • चेयरमैन की कुर्सी को लेकर की थी संजय खोखर की हत्या
  • भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय हत्याकांड में नया मोड़, पुलिस ने किया खुलासा
  • छपरौली नगर पंचायत की पूर्व चेयरमैन के बेटे व देवर ने साथियों के साथ की थी हत्या

मुख्य संवाददाता |

बागपत: भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय खोखर हत्याकांड में अब नया मोड आ गया है। पूर्व में पुलिस भले ही नामजद आरोपियों में से तीन को पकड़कर पुरानी रंजिश का हवाला दे चुकी हो, लेकिन अब नए कप्तान के नेतृत्व में पुलिस ने इसमें नया खुलासा कर दिया है।

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भाजपा नेता संजय खोखर की हत्या छपरौली नगर पंचायत चेयरमैन की कुर्सी को लेकर की गई थी। पूर्व चेयरमैन सुशीला देवी के बेटे व देवर ने अपने साथियों के साथ मिलकर संजय खोखर को मौत के घाट उतारा था। इस हत्याकांड में शामिल तीन अन्य आरोपी अभी पकड़ से बाहर हैं। उन पर 25-25 हजार रुपये का इनाम है। पकड़े गए आरोपियों को पुलिस ने जेल भेज दिया है।

भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं छपरौली निवासी संजय खोखर की 11 अगस्त को हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड के बाद संजय खोखर के बेटे मनीष खोखर की ओर से चार को नामजद और तीन अज्ञात में दर्शाकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस हत्याकांड की गूंज लखनऊ तक होने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने आरोपियों को 24 घंटे में पकड़ने के निर्देश दिए थे।

जिसके बाद नामजद दो आरोपियों को पकड़ लिया गया था। रिपोर्ट दर्ज कराते समय भी संजय खोखर के बेटे ने पुरानी रंजिश का हवाला दिया था। जिसके बाद पुलिस उसी राह पर चल पड़ी थी। इस हत्याकांड में तत्कालीन एसओ दिनेश चिकारा को सस्पेंड किया गया था।

एएसपी को उसी दिन हटा दिया गया था, जबकि एसपी का छह दिन बाद तबादला कर दिया गया था। बागपत जनपद के एसपी पद पर अभिषेक सिंह को भेजा गया था। जिसके बाद अभिषेक सिंह ने पहले ही दिन से संजय खोखर हत्याकांड के खुलासे के लिए जांच गहनता से शुरू कर दी थी और टीमों को लगा दिया था। क्योंकि पहले ही दिन से यह भी अंदाजा लगाया जा रहा था कि कहीं न कहीं राजनीतिक कारणों से भी संजय खोखर की हत्या की जा सकती है।

एसपी के नेतृत्व में एएसपी मनीष कुमार मिश्रा, सीओ बड़ौत आलोक कुमार, छपरौली थाना पुलिस व एसओजी की टीम इसमें लगी हुई थी। कई दिन पूर्व टीम को कुछ अन्य सुबूत मिले थे, जिसके बाद से संदिग्धों को उठाकर पूछताछ शुरू की थी। जिसके बाद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

एसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि जांच में जुटी टीमों को मुखबिर की सूचना पर रठौड़ा नहर पुलिया से संजीव खोखर पुत्र सोहनपाल निवासी पट्टी धनधान कस्बा छपरौली, श्रवण खोखर पुत्र रणधोल निवासी कस्बा छपरौली को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से एक तमंचा व व दो जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं।

एसपी ने बताया कि श्रवण खोखर पूर्व चेयरमैन सुशीला खोखर का बेटा है और संजीव खोखर देवर हैं। सुशीला देवी 2006 से 2011 तक नगर पंचायत छपरौली की चेयरमैन रही हैं। पूछताछ में सामने आया है कि इसके बाद भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय खोखरके समर्थन से उनके परिवार एवं खानदान के लोग ही चेयरमैन बनते आ रहे हैं।

पूर्व जिलाध्यक्ष संजय खोखर की वजह से पूर्व चेयरमैन के परिवार को पद नहीं मिल पा रहा था। इसमें संजय खोखर बाधा बन रहे थे। आरोपी संजीव खोखर के पास उसका दूर कर रिश्तेदार सागर बालियान रहता था। आरोपी संजीव ने पुलिस पूछताछ में यह भी बताया कि चार वर्ष पूर्व जब संजय खोखर जिलाध्यक्ष पद पर थे तब उनके खानदान के सदस्य सतीश मास्टर के साथ झगड़ा हुआ था।

इस मामले में संजय खोखर ने संजीव के विरूद्ध कार्रवाई कराई थी। जिसके बाद से वह अपमानित महसूस करने लगा था और संजय खोखर से रंजिश रखता था। संजीव व श्रवण ने संजय खोखर को रास्ते से हटाने की योजना तैयार की। सागर उनके साथ रहता था तो उसे भी उन्होंने साथ लिया। सागर बालियान ने संजीव खोखर से कहा था कि उसे अपने भाई की हत्या का बदला मामा के लड़के अखिल व उसके दोस्त बंटी से लेना है।

संजीव व श्रवण ने सागर से कहा था कि पहले तुम हमारा साथ दो, फिर हम तुम्हारा देंगे। एसपी ने बताया कि दस अगस्त को श्रवण बड़ौत से अपने मकान छपरौली पर आया और वहां पर संजीव खोखर, श्रवण खोखर, सागर बालियान, सागर गोस्वामी, साहिल सलमानी ने मिलकर योजना बनाई।

उन्होंने तय किया था कि सुबह मॉर्निंग वॉक पर जाते समय हत्या कर देंगे। जिसके बाद 11 अगस्त की सुबह सागर बालियान, श्रवण खोखर व सागर गोस्वामी मुर्गी फार्म के पास गन्ने के खेत में छिप गए और मुख्य सड़क पर आते समय गोली मारने की योजना बनाई, लेकिन लोगों का आवागमन होने के कारण वह कामयाब नहीं हो सके। उस समय तक संजय खोखर वहां नहीं गए थे।

उन्हें लगा था कि संजय खोखर आज नहीं आएंगे। बाद में तीनों खेत से निकलकर वहीं पास में चकरोड पर थोड़ा आगे जाकर भूमिया एवं ट्यूबवैल के पास खड़े हो गए। तभी उन्हें संजय खोखर अपनी ट्यूबवैल पर आते दिखाई दिए। संजय खोखर को देखकर सागर बालियान व सागर गोस्वामी दोनों ट्यूबवैल के पीछे छिप गए और श्रवण चकरोड पर खड़ा रहा। जैसे ही संजय खोखर नजदीक पहुंचे तो तीनों ने अवैध हथियारों से गोली मारकर हत्या कर दी।

हत्या के बाद वह संजय खोखर की ट्यूबवैल की ओर से फरार हुए थे। एसपी ने बताया कि पूर्व चेयरमैन के बेटे श्रवण व देवर संजीव खोखर को जेल भेज दिया है। जबकि उनके साथ सागर बालियान, सागर गोस्वामी व साहिल सलमानी अभी फरार हैं। उन्हें पकड़ने के लिए टीमों को लगाया गया है।

उधर, पुलिस के इस नए खुलासे के बाद अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहीं न कहीं शुरुआत से जो राजनीतिक कारणों से हत्या होने का संदेह लगाया जा रहा था वह सही था। नगर पंचायत छपरौली के चेयरमैन की कुर्सी को लेकर पूर्व जिलाध्यक्ष को मौत के घाट उतारा गया है। आरोपी पक्ष के लोग चुनाव में कुर्सी नहीं मिल पाने के कारण हताश भी थे और वह संजय खोखर से रंजिश रखने लगे थे।

अभी किसी को क्लीनचिट नहीं: एसपी

एसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि पुलिस ने पूर्व में नामजदगी के आधार पर कार्रवाई की थी और आरोपियों को पकड़कर जेल भेजा गया है। उन्होंने दूसरे बिंदुओं पर जांच कराई तो यह भी मामला सामने आया है। लेकिन अभी किसी को क्लीनचिट नहीं दी जाएगी। नामजद आरोपियों का कहीं इनसे कोई संपर्क तो नहीं था आदि के अलावा अन्य बिंदुओं पर जांच की जा रही है। जांच के बाद आगे क्या सामने आता है, उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

तीनों फरार आरोपियों पर 25-25 हजार का इनाम

भाजपा नेता संजय खोखर की हत्या में नया मोड़ आने पर पुलिस ने फरार बदमाशों पर इनाम भी घोषित कर दिया है। पुलिस ने संजीव व श्रवण को जेल भेज दिया है, जबकि उनके साथ सागर बालियान, सागर गोस्वामी, साहिल सलमानी अभी भी पकड़ से बाहर हैं। पुलिस ने सागर बालियान, सागर गोस्वामी, साहिल सलमानी पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।

श्रवण ने की थी नमस्ते और मारी थी गोली

भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय खोखर हत्याकांड के बाद आशंका जताई जा रही थी की कोई जानकार ही इसमें शामिल हैं। क्योंकि जानकार को ही मालूम था कि संजय खोखर की ट्यूबवैल वहां है और वह प्रतिदिन उस पर घूमने आते हैं। वह जानकार पूर्व चेयरमैन सुशीला देवी के परिवार के सदस्य थे। संजय खोखर की हत्या के लिए श्रवण चकरोड पर खड़ा हो गया। संजय खोखर को जरा भी अंदाजा नहीं था कि वह उसकी हत्या करने के लिए खड़ा है। श्रवण ने पहले संजय को नमस्ते की और तुरंत ही गोली मार दी। इस पूरे प्रकरण की पटकथा संजीव खोखर ने ही रची थी।

कैप्टन भोपाल की हत्या में नामजद है संजीव

वर्ष 2004 में भाकियू नेता एवं छपरौली निवासी कैप्टन भोपाल की हत्या कर दी गई थी। इस चर्चित हत्याकांड में पूर्व चेयरमैन सुशीला खोखर के देवर संजीव के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया था। एसपी ने बताया कि उस हत्याकांड में साजिशकर्ता भी संजीव था और संजय खोखर की हत्या में भी यही है।

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