- प्रधानी पाने को वर्चस्व की जंग कोल्ड ड्रिंक में परोसी जहरीली शराब
मनोज राठी |
इंचौली: हर साल सैकड़ों की संख्या में लोग जहरीली शराब पीने से मर जाते हैं और इतने ही आंखों की रोशनी खो बैठते हैं। सवाल है कि आखिर क्यों राज्यों की सरकारें जहरीली और अवैध शराब के कारोबार उसकी तस्करी पर रोक नहीं लगा पातीं? थाना क्षेत्र के गांव साधारणपुर में हुई पंचायत चुनाव में बांटी गई जहरीली शराब से हुई 10 ग्रामीणों की मौत से प्रधानी पाने को वर्चस्व की जंग खुलकर सामने आ गयी। जहरीली शराब पीने से हुई 10 लोगों की मौत के बाद घरों में जहां मातम छाया हुआ है।
वहीं, गांव की गलियां सन्नाटे को चीरती नजर आ रही है। जहरीली शराब पीने से हुई 10 लोगों की मौत पर पुलिस प्रशासनिक अधिकारी पदार्फाश करने के बजाय घटना को कोरोना का रूप देने में जुटी होने पर सहमात का खेल खेल रहे हैं।
इंचौली थाना से करीब चार किमी दूर स्थित गांव साधारणपुर में पंचायत चुनाव में बांटी गई जहरीली शराब से जहां 10 लोगों की मौत के बाद महिलाओं की मांग उजड़ गई तो कई के घरों का पालन-पोषण करने वालों के चिराग बूझ गया है। जनवाणी संवाददाता ने गांव में पहुंचकर जहरीली शराब पीने से हुई 10 लोगों की मौत की ग्राउंड रिपोर्ट ली तो चौंकाने वाली बात सामने आई। ग्रामीणों का कहना है कि गांव की प्रधानी जीतने के लिए मृतक परिवार वालों पर वोट डालने का दबाव बनाने में पीछे नहीं हटे और अपने पक्ष में मतदान कराया।
जहरीली शराब पीने से गांव के अलग-अलग छोर पर 10 ग्रामीणों की मौत से घरों में मातम भरी खामोशी छा गई तो वहीं गांव की गलियां सन्नाटे को चीरती नजर आ रही है।
ग्रामीणों ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि गांव में बांटी गई जहरीली शराब की पोल खोल कर सामने लाई जाएगी। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस की सख्ती होती तो जहरीली शराब पर अंकुश लगाया जा सकता था, लेकिन लापरवाही सामने आने के बाद 10 ग्रामीण असमय ही मौत के काल में समा गए। पिता की मौत के बाद छोटे-छोटे बच्चे भी बिलखते हुए नजर आये। मृतक परिवार के सदस्यों ने जहरीली शराब पीने से ही मौत का कारण बताया है।
दफन हो जाते हैं मामले
प्रदेश में जब भी इस तरह के हादसे हुए, उच्च स्तर पर इसकी जांच करवाई गई। स्थानीय पुलिस और आबकारी अफसरों पर निलंबित तक की कार्रवाई की जाती है। अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ कई-कई दिनों तक पुलिस और आबकारी विभाग का अभियान चला, लेकिन कुछ दिन बाद फिर स्थितियां सामान्य जैसी हो जाती हैं।
जहरीले कारोबार पर नहीं लग पा रहा पहरा
यह कोई पहला मौका नहीं है, जब जहरीली शराब से मौतें हुई हों, इसका सिलसिला लगातार जारी है। मेरठ जिले के गांव साधारणपुर में अब तक जहरीली शराब के सेवन से 10 लोग मर चुके हैं। सरकारें जब तक अपने सिस्टम में लगे घुन नहीं पहचानेगी, तब तक सब ऐसे ही चलता रहेगा, दोबारा ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए मैदानी अमले को कड़ा संदेश देने की जरूरत है।
जहरीली शराब से होने वाली मौतों पर रोक लगाने के लिए योगी सरकार ने कानून सख्त किया। अवैध शराब बनाने वालों के लिए मौत की सजा तक का प्रावधान किया, लेकिन यूपी में मौत का कारोबार थम नहीं सका। जहरीली शराब के कारोबारियों ने मौत का खेल खेला।