देश में पहली बार सिक्स सिग्मा उड़ान भेरेगा हेलिकॉप्टर एंबुलेंस के साथ
स्थापित होगा पहला हेलिकॉप्टर फ्लाइट ट्रेनिंग स्कूल
हाई ऐल्टिटूड पर हेलिकॉप्टर चिकित्सा सेवाएं
सिक्स सिग्मा ने यूरोप में नार्वे के साथ किया ज्वाइंट वेंचर
जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: नए ख्वाब-नई आशाएं… और सेनाओं के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर काम करने वाले सिक्स सिग्मा के युवाओं ने सत्य, सेवा, साहस, समर्पण और पराक्रम से देश के विकास में चार चाँद लगा दिए हैं, आज सिक्स सिग्मा ने बोर्ड मीटिंग के साथ, यूरोप में नोर्वे के साथ किया ज्वाइंट वेंचर पर दिल्ली में हस्ताक्षर कर दिए हैं। यूरोप के नोर्वे से आये दल ने 7 दिन की भारत यात्रा पर इस ऐतिहासिक पल को अब एक कम्पनी का रूप दे दिया है। सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर इसका संचालन करेगा।
हेलिकॉप्टर इमरजेंसी मेडिकल सर्विस पर सिक्स सिग्मा ने नार्वे की हेलीट्रांन्स कंपनी के साथ समझौता पत्र पर किए हस्ताक्षर कर दिए हैं। अब हेलिकॉप्टर एंबुलेंस के साथ, एडवेंचर्स स्पोर्ट्स, रेस्क्यू, रोड ऐक्सिडेंट बचाव, आपदा प्रबन्धन, हेलिकॉप्टर फ्लाइट स्कूल के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगी।
हेल्थ के सेक्टर में एक कदम आगे बढ़ाते हुए, भारत में एयर एम्बुलेन्स की खोज में पहला कदम सिक्स सिग्मा ने बढ़ाया है। संकल्प तब तक अधूरा होता है, जब तक संकल्प के साथ परिश्रम और पराक्रम की पराकाष्ठा न हो। सिक्स सिग्मा बोर्ड मीटिंग के दौरान – डाॅ. प्रदीप भारद्वाज, सीईओ – सिक्स सिग्मा ने बताया कि हेलिकॉप्टर ऐम्बुलेन्स के अभाव में मैंने पहाड़ों पर बहुत लोगों को दम तोड़ते देखा है और फिर हमारा एक संकल्प भी था..”पहाड़ों पर हेली एंबुलेंस”, जो आज पूरा हो रहा है।
सिक्स सिग्मा एयर एंबुलेंस हेलीकाप्टर (डबल इंजन) नार्वे से हम ले रहे हैं 3 डबल इंजन हेलीकाप्टर। इस सेवा के महत्व और महत्व को समझना कठिन पर्वतीय इलाकों में मेडिकल सर्विस देने के लिये प्रसिद्ध सिक्स सिग्मा हाई ऐल्टिट्यूड मेडिकल सर्विस ने यात्रियों को त्वरित उपचार प्रदान करने के लिए एक हेलीकॉप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवा (ईएमएस) और धार्मिक पर्यटन को विकसित करने की योजना बनाई है। खासकर, पहाड़ पर आपातकालीन व हाइवे दुर्घटनाओं में घायल लोगों को ऐसी जगहों पर गोल्डन आवर में अस्पताल तक पहुंचाया जा सके, जहां एम्बुलेंस को पहुंचने में समय लगता है।
सिक्स सिग्मा हाई ऐल्टिट्यूड मेडिकल सर्विस के प्रबंध निदेशक डाॅ. प्रदीप भारद्वाज ने संयुक्त उपक्रम के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि दोनों कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों डाॅ. प्रदीप भारद्वाज (सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर) और ओले क्रिश्चन मैथ्यू (सीईओ-हेलीट्रांन्स, नार्वे) ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए। इसके अनुसार हम चेन आॅफ हेली ऐम्ब्युलन्स सेवाओं की भारत में स्थापना करेंगे व भारत में पहला हेलिकॉप्टर ट्रेनिंग स्कूल भी खोलेंगे।
उन्होंने बताया कि नार्वे स्थित हेलीट्रान्स उस देश के साथ-साथ यूरोप की सबसे बड़ी हेलिकॉप्टर कंपनी है जो पूरे यूरोप में पर्यटन के साथ-साथ आपातकालीन सेवा के दौरान अपनी सेवायें प्रदान कराती है। हेलीट्रान्स, अपनी सेवा देने के दौरान एयरबस-320 हेलिकॉप्टर का उपयोग करती है जो वर्तमान समय में सबसे उन्नत किस्म के हेलिकॉप्टर है।
इन हेलिकॉप्टर में दो इंजन लगे होते हैं जिनका विषम परिस्थिति और लम्बे समय तक इमरजेंसी सेवा में भी उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा दोनों कंपनियां भारत में एडवेंचर्स स्पोट्र्स को भी बढ़ावा देगी, जो जोशीले युवाओं के लिए एक अच्छी खबर है। अगले साल हम भारत में शुरू करने जा रहे हैं। ”हेलीकाप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवाएँ” और देश का पहला “सिक्स सिग्मा हेलिकॉप्टर पायलट ट्रेनिंग संस्थान”।
रॉबिन हिबु, आईपीएस व स्पेशल कमिशनर दिल्ली पुलिस व बोर्ड मेम्बर सिक्स सिग्मा ने कहा, राष्ट्रीय गर्व की भावना के साथ, बर्फ से ढके पहाड़ो में देशवासियों की उच्चतम चिकित्सा सेवा दे रहे सिक्स सिग्मा ने अदम्य साहस, पराक्रम और देश सेवा का आज एक और उदाहरण पेश किया है। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में हेलिकॉप्टर फ्लाइट स्कूल खोलने का आग्रह भी सिक्स सिग्मा बोर्ड के सामने पेश किया।
डाॅ. डीएस राणा, चेयरमैन सर गंगाराम व बोर्ड मेम्बर सिक्स सिग्मा ने बताया कि देश के 11 राज्य हिमालय के क्षेत्र में बसे हुए हैं तथा इन्हीं क्षेत्रों में सबसे कठिन धार्मिक यात्रायें भी होती है। इन यात्राओं में प्रति वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। लेकिन, उन धार्मिक स्थानों पर आपातकालीन चिकित्सा सेवा की समुचित सुविधा नहीं होने के कारण बहुत से तीर्थ यात्री दम तोड़ देते हैं, जिसका सीधा असर वहां पर आने वाले यात्रियों की संख्या पर पड़ता है।
जरनल अतुल कौशिक, बोर्ड मेम्बर सिक्स सिग्मा ने कहा कि प्रतिदिन आठ से दस हजार यात्री दर्शन के लिये जा रहे हैं। चालू चारधाम यात्रा में अनुमान है कि इस बार केवल केदारनाथ धाम पर कम से कम 20 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिये पहुचेंगे। इसी प्रकार से श्री बदरीनाथ धाम में इस वर्ष पंद्रह से बीस लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है।
क्योंकि, यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की औसत संख्या पर गौर किया जाये तो देख गया है कि प्रत्येक 10 में चार श्रद्धालुओं ने यात्रा के लिये हेलिकॉप्टर सेवा का उपयोग किया है और ये आंकड़ा प्रति वर्ष बढ़ने की संभावना है। धार्मिक स्थलों पर बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए कहा जा सकता है कि देश में धार्मिक पर्यटन व हेलिकॉप्टर फ्लाइट स्कूल के क्षेत्र में अपार संभावनायें हैं।
गौरतलब है कि देश की कई हेलिकॉप्टर कंपनियां, जो केवल धार्मिक यात्रा के दौरान अपनी सर्विस प्रदान कराती है, लेकिन वे कंपनियां पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाले रेस्क्यू आॅपरेशन में भाग नहीं लेती है। जिसके कारण प्रशासन को आपातकालीन सेवाओें और रेस्क्यू आॅपरेशन के लिये इंडियन आर्मी, भारतीय वायु सेना पर निर्भर रहना पड़ता है। बात अगर गोल्डन आवर की करें तो ट्रॉमा इंजरी के बाद के एक घंटे को गोल्डन आवर कहा जाता है, जिसमें सही मेडिकल ट्रीटमेंट मिलने से घायल को बचाया जा सकता है ।
सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर और हेलीट्रांस के मध्य हुए समझौते से हिमालय के आंतरिक भाग की यात्रा पर जाने वाले और नए-नए पहाड़ी टैªकों की खोज पर जाने वाले ट्रैकरों को भी लाथ मिलेगा। हेलिकॉप्टर ऐम्ब्युलन्स को आगे बढ़ाने को लेकर सिक्स सिग्मा ने डीजीसीए, वायु सेना चीफ व भारत सरकार के उच्च अधिकारियों से भी मुलाकात कर ली है व इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए एक समय सीमा भी तय कर दी गई है ।
हेलिकॉप्टर एंबुलेंस (Helicopter Ambulance) क्या है?
घटनास्थल से या किसी एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल, जहां मरीज की जान बचाने के लिए अति-आवश्यक इलाज के लिए कम समय में ले जाना के लिए बुनियादी चिकित्सीय सुविधाओं से परिपूर्ण हवाई जहाज या हेलिकॉप्टर को एयर एंबुलेंस कहा जाता है। अब आसान भाषा में समझें, तो हेलिकॉप्टर एंबुलेंस वो हवाई जहाज या हेलिकॉप्टर होता है, जिसमें वो सभी सामान और सुविधाएं होती हैं, जो कि किसी इमरजेंसी स्थिति में समय रहते किसी मरीज की जान बचाने के लिए उसे एक स्थान या अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए जरूरी होता है। खासतौर पर, मरीज की गंभीर स्थिति में कम समय में ज्यादा लंबी दूरी तय करने और सड़क मार्ग पर होने वाली भीड़भाड़ से बचने के लिए हेलिकॉप्टर एंबुलेंस का उपयोग किया जाता है।
हेलिकॉप्टर एंबुलेंस का इस्तेमाल (Uses of Air Ambulance) करने के फायदे क्या हैं?
- ट्रैफिक और भीड़भाड़ से छुटकारा, कई बार एक्सीडेंट या आगजनी जैसी दुर्घटनाओं में मल्टीपल कैजुअलिटी हो जाती हैं, जिसमें कई लोगों को एकसाथ अस्पताल पहुंचाना बहुत जरूरी होता है। ऐसी स्थिति में हेलिकॉप्टर एंबुलेंस काफी मददगार साबित हो सकती है।
- ऑर्गन ट्रांसपोर्टेशन में हेलिकॉप्टर एंबुलेंस काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। क्योंकि, अगर किसी व्यक्ति का कोई ऑर्गन काम करना बंद कर दिया है, तो उसे बहुत ही कम समय में डोनेट किया गया ऑर्गन लगाना होता है। ऑर्गन ट्रांसप्लांट बेहद जटिल प्रक्रिया होती है और डोनेटेड ऑर्गन को ज्यादा देर तक शरीर के बाहर नहीं छोड़ा जा सकता, वरना वो भी बेकार या डैमेज होने लगता है। ऐसी स्थिति में एयर एंबुलेंस सही समय पर और सही स्थिति में डोनेटेड ऑर्गन को मरीज तक पहुंचाकर उसकी जान बचाती है।
- पहाड़ व रिमोट एरिया के लिए उचित हॉस्पिटल आमतौर पर रिमोट एरिया से दूर स्थित होते हैं और उन तक सड़क मार्ग से जाना काफी मुश्किल और समय लेने वाला काम है। इसके अलावा, पहाड़ों जैसी जगह पर भूस्खलन या बर्फबारी आदि समस्याओं की वजह से सड़क मार्ग बाधित हो जाता है, जिसमें सड़क परिवहन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
- चिकित्सा उपकरण के लिए -हेलिकॉप्टर एंबुलेंस सिर्फ मरीजों के लिए ही इस्तेमाल नहीं की जाती है। बल्कि, इसे किसी मरीज के लिए इलाज जरूरी चिकित्सा उपकरण को किसी एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
हेलिकॉप्टर एंबुलेंस के अंदर क्या-क्या होता है?
एंबुलेंस की तरह ही इसमें सभी मेडिकल फैसिलिटी होती है। पेशेंट की सिचुएशन को लगातार मॉनिटर करने के लिए मॉनिटरिंग सिस्टम, ई.सी.जी., वेंटिलेटर, डीफिब्रिलेटर, सांस की समस्या होने पर काम आने वाला ब्रीदिंग ऐपरेटस, मरीज की हार्ट बीट को कंट्रोल करने के लिए पेसमेकर आदि के साथ मरीज के सिचुएशन के हिसाब से उपकरण जोड़े व घटाए जाते हैं।
सिक्स सिग्मा द्वारा केदार में अब तक इमरजेन्सी सर्विस
- उत्तराखंड आपदा 2013 (भारतीय सेना ने बुलाया) 511 इमर्जन्सी पीड़ितों का किया उपचार
- 2018 में 35,326 इमर्जन्सी मरीजों का उपचार किया व आपातकालीन- 1046
- 2019 में 40,456 इमर्जन्सी मरीजों का उपचार किया, आपातकालीन – 1290
- 2021 में 9,337 मरीजों का उपचार किया व आपातकालीन – 985
- 2022 में 14,578 मरीजों का उपचार व 1357 आपातकालीन