- मीडिया के सामने स्वीकारा, किया बड़ा फेरबदल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) में भ्रष्टाचार व्याप्त हैं, इस सच को प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने मीडिया के सामने स्वीकारा हैं। भ्रष्टाचार के मामले में महिला क्लर्क सुनीता शर्मा की गिरफ्तारी से प्राधिकरण छवि खराब हुई हैं।
अब भ्रष्टाचार को 2024 जनवरी तक पूर्ण रूप से खत्म करने का संकल्प भी लिया गया। साथ प्रवर्तन अनुभाग में अवैध निर्माण को लेकर सर्वाधिक भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं, जिसके चलते प्रवर्तन के चार जोन खत्म कर दिये गए।
अब कोई जोन नहीं होगा तथा आठ इंजीनियर एक विशेष दल में शामिल किये गए हैं, जो जोनल अर्पित यादव की अगुवाई में अवैध निर्माण को रोकने का जिम्मेदारी दी गई हैं। शहर को जोन में नहीं बांटा जाएगा, बल्कि जोनल अर्पित यादव अपने हिसाब से इंजीनियरों की टीम भेजकर अवैध निर्माण को रुकवायेंगे। यही नहीं, अवैध निर्माण रोकने में लगे 56 मेटों में से 12 को हटा दिया गया हैं।
ये प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने कराये एक सर्वे के आधार पर जो ईमानदार मेट थे, उनको ही तैनाती दी गई हैं। इस तरह से नये रूप में अवैध निर्माण को रोकने के लिए प्राधिकरण इंजीनियरों की टीम एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई करते हुए दिखाई देगी। अब अवैध निर्माण के लिए सीधे जोनल को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
कार्रवाई जोनल के खिलाफ होगी। जवाबदेही से कतई नहीं बचा जा सकता। धूमिल होती प्राधिकरण की छवि को सुधारने की दिशा में प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने प्रवर्तन अनुभाग, सम्पत्ति अनुभा, अभियंत्रण अनुभाग, विधि अनुभाग, वित्त एवं लेखानुभाग, विधि अनुभाग और प्रोद्योगिकी अनुभाग में व्यापक स्तर पर फेरबदल किया हैं।
प्रवर्तन में इनकी हुई तैनाती
उप प्रभारी प्रवर्तन के पद पर जेई पवन शर्मा, महादेव शरण, नरेश शर्मा, मनोज सिसौदिया, ओमपाल सिंह, राकेश कुमार, पवन भारद्वाज, सुशील कुमार, मुकेश कुमार राघव को तैनात किया गया हैं। इनमें मुकेश राघव को आईजीआरएस आरटीआई व अन्य जिम्मेदारी दी गई। प्रवर्तन में क्लर्क शिव गोपाल वाजपेयी, मुकेश शर्मा, पुण्य प्रताप सिंह को तैनाती दी गई हैं।
ओएसडी को प्रवर्तन से हटाया
प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने ओएसडी रंजीत कुमार को प्रवर्तन से हटा दिया हैं। अब उन्हें प्रवर्तन के उप प्रभारियों की समीक्षा में लगाया गया हैं। अर्जन के कार्य, बल्क सम्पत्ति, व्यवसायिक, औद्योगिक, समस्त सम्पत्तियों के पंजीकरण, सम्पत्ति अभिलेखा का कार्य दिया गया हैं। इससे पहले ओएसडी सुपर जोनल की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
गिरी गंगा चरण पर गाज
भ्रष्टाचार में गिरफ्तार अनिता शर्मा के मामले में क्लर्क गंगा चरण पर भी उंगली उठ रही थी। उन्हें ओएसडी के पास से हटाकर अर्जन में तैनाती दी गई हैं। उन पर भी नामांतरण में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा था।
बड़ा एक्शन….मैं कराऊंगा भ्रष्टाचार का मुकदमा
प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने कहा कि भ्रष्टाचार का मुकदमा अब वह स्वयं थाने में दर्ज करायेंगे। इससे पहले विभागाध्यक्ष दर्ज करा रहे थे, लेकिन प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने मीडिया से कहा कि भ्रष्टाचार का शक मात्र होने पर भी मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। कहा कि मानव संसाधन प्रबंधन किया गया हैं। आदेश के विपरीत कोई कर्मचारी जाते हैं तो उसको तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाएगा। किसी भी पटल पर जानबूझकर फाइल नहीं रोकी जाएगी, जिसके लिए समय निर्धारित किया जाएगा।