Sunday, June 4, 2023
- Advertisement -
- Advertisement -
HomeUttar Pradesh NewsMeerutमुरादें होंगी पूरी, ‘सुनहरी यादों’ का सफर शुरू

मुरादें होंगी पूरी, ‘सुनहरी यादों’ का सफर शुरू

- Advertisement -
  • मेरठ से भी रवाना हुआ हज यात्रियों का पहला जत्था

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: लब्बईक अल्ला हुम्मा लब्बईक, लब्बईक ला शरीका लका लब्बईक, इन्नल हमदा वन्नियमता लका वल मुल्क, ला शरीका ला…मतलब कि मैं हाजिर हूूं। मैं हाजिर हूं। तेरा कोई शरीक नहीं है। मैं तेरे सामने हाजिर हूं। यकीनन सारी तारीफें तेरे लिए हैं। और सारी नियामतें तेरी दी हुई हैं और सारी बादशाहत तेरी है।

तेरा कोई शरीक नहीं है। मैं तेरे सामने हाजिर हूं…इन्ही सुर से सुर मिलाने को दुनिया भर के लाखों मुसलमान सऊदी अरब की जमीन पर कदम रख चुके हैं। मेरठ से भी हज यात्रियों का पहला जत्था सोमवार को सऊदी के लिए रवाना हो गया।

दुनिया की पहली अजान भी हिन्दुस्तान में ही हुई थी

कारी शफीक के अनुसार दुनिया की पहली अजान भी मालद्वीव में ही हुई थी और मालद्वीप उस समय हिन्दुस्तान का ही हिस्सा था। वो यह भी बताते हैं कि जिस पहाड़ पर हजरत आदम को उतारा गया था वो भी मालद्वीव में था और इस लिहाज से इस्लाम में भारत का बड़ा महत्तव है।

बकरीद नहीं मनाते हाजी

हज के लिए निर्धारित पांच दिनों में से 10 जिलहिज वाला दिन बकरीद का दिन होता है। इस दिन दुनिया भर में लोग बकरीद का पर्व मनाते हैं लेकिन हाजी बकरीद का पर्व नहीं मनाते और न ही जानवरों की कुर्बानियां करते। जानवरों की जो कुर्बानियां हाजी वहां करते हैं वो हज के शुक्राने की कुर्बानी होती है। इसके अलावा हाजी बकरीद की नमाज भी अदा नहीं करते।

एहराम की हालत में बरती जाने वाली सावधानियां

  • मियां बीवी के सम्बंधों के लिए हद तय होती है
  •  खुशबू लगाने की इजाजत नहीं होती
  • खटमल, मच्छर व जूं तक मारने की इजाजत नहीं है
  • पेड़ की शाख व जमीन की घास भी नहीं तोड़ सकते
  • नहाने के बाद व मूंह पोंछने के लिए किसी कपड़े के इस्तेमाल तक की इजाजत नहीं है
  • जरूरी होने पर ही नहाने की इजाजत होगी

हज के लिए तय हैं सिर्फ पांच दिन

वैसे तो हज यात्रा पर जाने वाले हज यात्री अमूमन 40 से 50 दिनों तक वहीं गुजारते हैं। इस दौरान वो वहां तमाम जियारतें और तवाफ करते हैं, लेकिन यहां यह भी काबिल ए गौर है कि हज के लिए केवल पांच दिन ही हैं और इन दिनों में पूरा हज मुकम्मल हो जाता है।

  • पहला दिन (8 जिलहिज)
  • दूसरा दिन (9 जिलहिज)
  • तीसरा दिन (10 जिलहिज)
  • चौथा दिन (11 जिलहिज)
  • पांचवा दिन (12 जिलहिज)

हज के प्रकार

  • हज तीन प्रकार का होता है। हज ट्रेनर व आॅल इण्डिया मिल्ली काउंसलि के अध्यक्ष कारी शफीकुर्रहमान कासमी बताते हैं कि सवाब (पुण्य) के हिसाब से आंकलन करें तो सबसे ऊपर हज ए किरान को रखा जाता है।
    1-हज ए किरान, 2-हज ए तमत्तो, 3-हज ए इफराद

हज के दौरान मुख्य जियारतें

  • मक्का शहर-मस्जिद ए जिन्ना, गार ए हिरा, गार ए सौर, जबल ए रहमत, मस्जिद ए नमरा
  • मदीना शहर-मस्जिद ए कूबा, मस्जिद ए किबलातेन, औहद पहाड़, गजवा ए खंदक
What’s your Reaction?
+1
0
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
- Advertisment -
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -

Recent Comments