- प्रदेश सरकार की ओर से विवि व कॉलेजों को खोलने के जारी किए जा चुके है दिशा निर्देश
- विवि व उससे संबंधित कॉलेज मार्च से है बंद
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: प्रदेश सरकार के फैसले के चौधरी चरण सिंह विवि व उससे संबंधित मेरठ और सहारनपुर मंडल के करीब 11 सौ कॉलेजों का आठ महीने बाद सन्नाटा टूटने जा रहा है। मार्च में लॉकडाउन लगने के बाद कॉलेजों में केवल परीक्षाएं ही कराई गई है। विवि की ओर से चल रही स्नातक प्रथम वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया भी अधिकांश कॉलेजों में आॅनलाइन ही की गई है। कॉलेजों को शासन की ओर से जारी कोविड के प्रोटोकाल का सख्ती से पालन करना होगा।
शहर के कुछ कॉलेजों ने रोस्टर के हिसाब से 50 फीसदी छात्रों को एक बार में बुलाया है। कोविड का शहर में संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में और अधिक सर्तकता रखने के लिए कॉलेजों का कहा गया है। इसमें विवि कॉलेज,शिक्षक,छात्र और अभिभवाक सभी के लिए प्रोटोकाल तय है। कॉलेज खुलने पर शिक्षक,अधिकारी,कर्मचारी और छात्र सभी आइकार्ड पहनकर आएंगे। सप्ताह में छह दिन शेड्यूल बनाकर कॉलेजों में पढ़ाई चलेगी। हर कक्षा में शारीरिक दूरी रखकर छात्रों को बैठाया जाएगा।
बाहरी लोगों को नहीं मिलेगा प्रवेश
अभी कॉलेज और विवि में बाहरी लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। जो छात्र कॉलेज आएंगे उन्हें शिक्षक आॅफलाइन पढ़ाएंगे। जो नहीं आएंगे उनकी आॅनलाइन पढ़ाई चलती रहेगी। सभी छात्रों को मास्क लगाने के लिए कहा गया है। कक्षा में छात्रों को छह फीट की दूरी पर बैठाया जाएगा। शिक्षकों को भी कक्षा में मास्क पहनकर रखना होगा। छात्रों के बीच में लैटपटॉप,नोटबुक,स्टेशनरी आदि समान एक दूसरे से साझा करने की अनुमति नहीं।
लंच साझा नहीं कर सकेंगे छात्र
आरजी पीजी कॉलेज की प्राचार्या ने बताया कि सभी छात्राआें को कॉलेज में मास्क लगाकर आना होगा। कक्षाओं में छात्राएं शारीरिक दूरी बनाकर बैठेंगी। किताबें,मोबाइल,लंच या बैग एक दूसरे से साझा नहीं करेगी। बीमार छात्राओं को कॉलेज में आने की अनुमति नहीं है। विवि प्रति कुलपति प्रो. वाई विमला का कहना है कि शासन के निर्देशानुसार कॉलेज और विवि आज से खुलने जा रहे है। कोविड को देखते हुए जो भी निर्देश दिए गए है उनका सभी को पालन करना होगा।
इन नियमों का करना होगा पालन
- शिक्षक,छात्र,कर्मचारी और अधिकारी सभी को आईकार्ड पहनना होगा अनिवार्य।
- संकाय,छात्र,कर्मचारी की नियमित होगी जांच।
- कक्षाओं का होगा कई भागों में विभाजन।
- कक्षाओं में कुल क्षमता के 50 फीसदी छात्रों को रोटेशन के अनुसार बुलाना होगा।
- कैंपस में आंगुतकों को नहीं मिलेगी प्रवेश की अनुमति।
- वृद्ध कर्मचारी,गर्भवती महिला,गंभीर रोगी को छात्रों से दूर रखा जाएगा।