जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: समाज सेवा की मन में अदम्य इच्छा और सीमित संस्थानों के बावजूद शहर की अधिकांश महिलाएं एनजीओ के माध्यम से समाज सेवा में लगी हुई है। इन महिलाओं का उद्देश्य कमजोर और असहाय लोगों की जहां मदद करना है।
वहीं, अपने कार्यों से एक नई दिशा भी देनी है। कोई एनजीओ गुमशुदा बच्चियों पर कार्य कर रही हैं तो कोई समाज में फैली कुरुतियों के खिलाफ आवाज उठा रही है। इन एनजीओ संचालिकाओं के पास भले ही बड़ा नेटवर्क न हो, लेकिन एकल चलो की राह पर चलकर यह अपनी मंजिल को पाने का प्रयास कर रही है।
महिलाओं व बच्चों के आत्म विश्वास को जगाने का उठाया है बेड़ा
जनहित फाउंडेशन संचालिका अनिता राना ने बताया कि मेरा एनजीओ वर्ष 1998 में शुरू किया गया था। इसके फाउंडर पहले डा. अनिल राणा थे, लेकिन अब मैं देख रही है। हम इस समय तालाब को लेकर कार्य कर रहे हैं, ताकि तालाबों की स्थिति को सही किया जा सकें। वहीं एनजीओ ने महिलाओं व बच्चियों के लिए काफी काम किया हैं, ताकि उनके आत्म विश्वास को जगाया जा सकें। वहीं, गुमशुदा बच्चों को भी उनके परिवार से मिलाने का काम एनजीओ द्वारा किया जाता है। भारत सरकार की योजना 1090 के साथ मिलकर भी एनजीओ काम कर रहा है। गंगा के किनारे भी एनजीओ द्वारा काम किया जा रहा है।
महिलाओं को जागरूक करने का करते है काम
संकल्प संस्था की संचालिका अतुल शर्मा ने बताया कि मैंने अपना एनजीओ 1996 में शुरू किया था। शहर में देखा जाए तो सबसे पहला एनजीओ मेरा ही था। सबसे पहले एनजीओ ने रेड लाइट ऐरिया में रहने वाली महिलाओं के लिए काम शुरू किया था। वहीं हमने एनजीओ के माध्यम से महिलाओं के ऊपर होने वाली हिंसा को रोकने के लिए भी काम शुरू किया जो आज तक चल रहा है। इस समय एनजीओं के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक मजबूत बनाने काम किया जा रहा हैं, जिसमें महिलाओं को रोजगार प्रदान किया जा रहा है।
सेव वाटर के लिए कर रहे काम
सारथी संस्था को खुले हुए पांच साल हो गए हैं। एनजीओ संचालिका कल्पना पांडे ने बताया कि हम सेव वाटर को लेकर काम कर है। देखने में आ रहा हैं कि पानी की कमी होती जा रही है। जिसको बचाने के लिए पानी को संरक्षित करने की जरुरत है। एनजीओं की ओर से पानी संरक्षित करने के लिए लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है। जल मंत्रालय की ओर इस काम के लिए मुझे अवार्ड भी मिल चुका है।