- मंदवाडी के दीपचंद ने गंवाई जर-जोरू और जमीन
तनवीर अंसारी |
फलावदा: प्रधान बनने के लालच ने हंसते खेलते परिवार के लिए तबाही की इबारत लिख डाली।ग्राम पंचायत की सत्ता के पाने के लिए अवैध शराब की फैक्ट्री के मामले में सलाखों के पीछे पहुंचा दीपचंद अपनी जमीन के साथ ज़र जोरू भी गवां बैठा।उसकी रिहाई की जद्दोजहद में बड़ा भाई भी मर्डर केस में जेल पहुंच गया।
तबाही की यह दास्तान क़त्ल की वारदात के बाद चर्चा में आई है।मंदवाडी में रहने वाले दीपचंद ने ग्राम पंचायत की सत्ता का सुख भोगने के लिए चार बीघा कृषि भूमि बेचकर पत्नी बसंती उर्फ सावित्री को चुनाव मैदान में खड़ा किया था।अपने चुनाव को चरम पर ले जाने के लिए कच्ची शराब का सहारा लेने पर पुलिस ने गत 17 अप्रैल को उसे गिरफ्तार करके शराब की फैक्ट्री चलाने के आरोप में जेल भेज दिया।
दीपचंद के बड़े भाई डालचंद ने उसकी जेल से रिहाई को जमानत की कवायद की, जिसमें दीपचंद की पत्नी सावित्री ने संकट खड़ा कर दिया। कचहरी के लिए खर्च मांगने पर सावित्री उर्फ बसंती ने घर में बवाल खड़ा कर दिया।बवाल ऐसा हुआ कि अपने जेठ डालचंद के हाथों बसंती मारी गई।छोटे भाई की जेल से रिहा कराने में जुटा बड़ा भाई खुद भी क़त्ल के आरोप में सलाखों के पीछे पहुंच गया।
जेल में बन्द दीपचंद और डालचंद की बूढ़ी मां तबाही के इस मंजर को बयान करते हुए कह रही है कि उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था उसे ऐसे दिन देखने पड़ेंगे। यह सब देखने से पहले भगवान उसे उठा लेता। बसंती की प्रधान बनने की जिद के चक्कर में जमीन बिक गई, पैसा खराब हुआ और अब बेटे जेल चले गए।प्रधानी के चक्कर में उसका परिवार तबाह होकर रह गया है।