Sunday, September 8, 2024
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जिससे मांगी रिश्वत, उसके खाते में जमा कर दिये 1.44 लाख रुपये

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  • अपने रिश्वतखोर कर्मचारियों को बचाने को चला नया खेल

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: अपने रिश्वतखोर कर्मचारी जब रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों पकड़े गये तो उनको बचाने के लिए नया ही खेल किया जा रहा है। जिस रत्न व्यापारी ने रिश्वत मांगने की शिकायत की तथा कर्मचारियों को रंगे हाथों पकड़वाया। उसकी तरफ से नगर निगम के बकाया हाउस टैक्स में 1.44 लाख रुपये की रकम दर्शाई गई है। जबकि रत्न व्यापारी ने गत दिवस निगम खाते में कोई रकम जमा नहीं कराई। इससे साफ जाहिर होता है कि रिश्वतखोरी का यह धंधा आला स्तर से चल रहा है।

नगर निगम में गत दिवस रत्न व्यापारी सुधांशु महाराज से हाउस टैक्स के बिल को कम करने के नाम पर नगर निगम के लिपिक व अनुचर को डेढ लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। रत्न व्यापारी सुधांशु को पता था कि नगर निगम के घाघ कर्मचारियों का यह धंधा अधिकारियों की शह पर चल रहा है। इसलिए उसने पहले ही 56932 रुपये जमा करा दिये थे। कर्मचारियों ने इतनी धनराशि की रसीद सुधांशु महाराज को दे दी थी तथा डेढ़ लाख रुपये रिश्वत खुद डकारने के लिए मांगी थी।

सुधांशु महाराज की शिकायत पर एंटी करप्शन की टीम ने गत दिवस केमिकल लगे डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत के साथ दोनों कर्मचारियों को रंगे हाथों दबोच लिया था। इसके बाद नगर निगम में वकीलों से सलाह मश्वरा करके रिश्वत के केस को हल्का और कमजोर करने का खेल चलने लगा तथा गत दिवस ही सुधांशु महाराज की तरफ से उनके नाम से नगर निगम के खाते मे 1.44 लाख रुपये जमा कर दिये गये। सुधांशु महाराज मंगलवार को नगर निगम मुख्यालय जोन पहुंचे तब उन्हें इस खेल का पता चला।

उन्होंने गृहकर अनुभाग से पता किया तो यह जानकारी मिली कि इतनी रकम उनकी तरफ से गत दिवस ही जमा कराई गई है। सुधांशु महाराज तत्काल अपर नगर आयुक्त तथा नगर आयुक्त व मुख्य कर निर्धारण अधिकारी के पास पहुंचे, लेकिन कोई भी उनकी समस्या का समाधान नहीं कर सका। वजह साफ है कि अपने रिश्वतखोर कर्मचारियों को बचाने के लिए आला स्तर के अधिकारियों की शह पर ही यह सारा धंधा चल रहा है।

सुधांशु महाराज का कहना है कि उनके डेढ़ लाख रुपये तो एंटी करप्शन की टीम ने जब्त कर रखे हैं। फिर यह बाकी के 1.44 लाख रुपये कहां से आ गये। यह सब सोची समझी साजिश के तहत रिश्वतखोरों को बचाने का कुचक्र है, लेकिन उन्होंने गत दिवस ही वीडियोग्राफी व तमाम सबूत जुटा लिये हैं। वह रिश्वतखोरों को उनके अंजाम तक पहुंचाये बिना चैन से नहीं बैठेंगे।

लिपिक और अनुचर के पकड़े जाने के बाद सदमे में निगम कर्मी

नगर निगम के लिपिक और अनुचर के पकड़े जाने के बाद कर्मचारी सदमे में हैं। हाउस टैक्स अनुभाग में सन्नाटा पसरा रहा। कर्मचारी खामोशी से अपनी-अपनी सीटों पर बैठकर काम करने में मशगूल थे। पार्षद कक्ष में दिन भर लूट के इस खेल का धंधे का जिक्र होता रहा। सभी दलों के पार्षद चटखारे ले-लेकर जिक्र करते रहे। गत दिवस नगर निगम के गृहकर विभाग में नियुक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राहुल गौतम व लिपिक दीपक सतवाई को एंटी करप्शन विभाग की टीम ने डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ लिया था।

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दोनों कर्मचारियों पर इसी मामले में 50 हजार रुपये पहले से ही वसूलने का आरोप लगा है। लेकिन इनकी भूख बढ़ती जा रही थी जिस वजह से यह और पैसा मांगने लगे। भ्रष्टाचार उन्मूलन विभाग की निगम कर्मचारियों के खिलाफ यह कोई पहली कार्रवाई नहीं है, इससे पहले भी राजस्व निरीक्षक नवल सिंह राघव और मुंशी हाजी मुनव्वर को रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया था।

24 दिसंबर 2023 को राज को राजस्व निरीक्षक नवल सिंह राघव को एंटी करप्शन टीम ने गंगानगर स्थित निगम कार्यालय से पांच हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया था। नवल सिंह राघव कई महीने तक न्यायिक हिरासत में जेल में रहने के बाद अब जमानत पर है। उससे पहले 16 अगस्त 2023 को मुंशी हाजी मुनव्वर को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था। जबकि राजस्व निरीक्षण फरार हो गया था।

महापौर खफा, नगरायुक्त से किया जवाब तलब

नगर निगम में हाउस टैक्स का बिल कम करने के नाम पर डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत के साथ पकड़े गये दो कर्मचारियों के मामले में महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने भी सख्त नाराजगी जताई है। अपने समर्थकों के साथ सूरज कुंड कैंप कार्यालय पर महापौर ने इसी संदर्भ में बैठक की तथा नगर निगम की छवि धूमिल करने पर सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि नगर निगम की छवि को पारदर्शिता से रखा जायेगा तथा दागदार कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।

बाद में महापौर ने सख्त नाराजगी जताते हुए नगर आयुक्त अमित पाल शर्मा को इसी संदर्भ में पत्र लिखा है। महापौर ने नगर आयुक्त से कहा है कि नगर निगम मुख्य कार्यालय में गृहकर अनुभाग के एक लिपिक एवं एक अनुचर को एंटी करप्शन की टीम द्वारा रिश्वत लेते हुए हिरासत मे लेने के प्रकरण के विषय में समस्त जानकारी उपलब्ध कराई जाये।

महापौर ने यह भी कहा है कि इस प्रकार के कृत्यों पर अंकुश लगाने एवं घटना की पुनरावृति न होने के लिए निर्देश जारी किये गये थे, परन्तु उसका संज्ञान नही लिया गया। उक्त घटना से नगर निगम की छवि धुमिल हुई है। महापौर ने नगर आयुक्त को हिदायत देते हुए कहा है कि भविष्य में ऐसी किसी भी घटना की पुनरावत्ति न हो, इसलिए समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कड़े निर्देश जारी करने के लिए निर्देशित किया जाये।

गृहकर के अफसरों पर चला चाबुक, नहीं कर सकेंगे मनमानी

हाउस टैक्स में रिश्वतखोरी के मामले का खुलासा होने के बाद नगर आयुक्त अमित पाल शर्मा ने अधिकारियों पर शिकंजा कसा है। अब कोई भी अधिकारी मनमानी नहीं कर सकेगा। नगर आयुक्त ने बताया कि तत्काल प्रभाव से प्रशासनिक दृष्टिकोण एवं निगम कार्यहित में वर्तमान से समस्त जोनल प्रभारी अपने जोन के अन्तर्गत 50 हजार रुपये मात्र तक, 50 हजार रुपये से एक लाख 50 हजार रुपये तक मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, कर निर्धारण अधिकारी के माध्यम से तथा एक लाख 50 हजार रुपये से पांच लाख रुपये तक कंकरखेड़ा जोन के लिए अपर नगर आयुक्त (प्रथम), शास्त्रीनगर जोन के लिए अपर नगर आयुक्त (तृतीय) व मुख्यालय जोन के लिए अपर नगर आयुक्त (द्वितीय) के माध्यम से गृहकर के वार्षिक मूल्यांकन के सम्पत्ति कर की पत्रावलियों का अवलोकन, अनुमोदन, कर निर्धारण, नाम परिवर्तन सम्बन्धित समस्त आपत्तियों की सुनवायी एवं निस्तारण करने का अधिकार होगा।

नगर आयुक्त ने बताया कि उपरोक्त के अतिरिक्त पांच लाख एक रुपये से अधिक की वार्षिक मूल्यांकन की पत्रावलियों का अवलोकन, अनुमोदान एवं निस्तारण मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, मुख्य नगर लेखा परीक्षक एवं संबंधित अपर नगर आयुक्त अथवा सहायक नगर आयुक्त की संयुक्त समिति की संस्तुति के आधार पर अधोहस्ताक्षरी द्वारा किया जायेगा। उपरोक्त आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।

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