Sunday, September 8, 2024
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चार साल से पटरी पर नहीं दौड़ पा रही खुर्जा पैसेंजर

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  • दैनिक यात्री हो रहे परेशान यात्री अधिकारियों से कई बार खुर्जा पैसेंजर ट्रेन चलाने की कर चुके मांग

जनवाणी संवाददाता |

खरखौदा: मेरठ-खुर्जा पैसेंजर चार सालों से बंद पड़ी है। जिसको लेकर मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर सहित तीन जिलों के साथ आसपास के जिलों के लोग काफी परेशान है। लोकसभा चुनाव में वर्तमान सरकार के प्रत्याशियों पर इसका असर पड़ सकता है, यदि असर पड़ा तो उसके नतीजे प्रत्याशियों को पड़ सकता है। मेरठ से खुर्जा चलने वाली ट्रेन पिछले चार सालों से आज तक बंद पड़ी है। खुर्जा पैसेंजर ट्रेनों का पहिया चार साल बाद भी पटरी पर नहीं चढ़ सका। चार साल से ट्रेनों के न चलने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

दैनिक यात्री रेलवे स्टेशनों पर धरना-प्रदर्शन कर ट्रेनों का संचालन शुरू कराने की अधिकारियों से मांग कर चुके हैं, लेकिन चार साल बाद भी ट्रेनों का संचालन शुरू नहीं हो सका यात्रियों को ट्रेने न चलने से सफर करना काफी महंगा पड़ रहा है। चार साल पूर्व कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन के चलते सरकार ने आम जनमानस को कोरोना महामारी से बचाने के उद्देश्य के चलते अधिकांश ट्रेनों को रद्द कर दिया था। जिसके चलते खुर्जा से मेरठ चलने वाली खुर्जा पैसेंजर ट्रेनों को भी रद्द बंद किया गया था। हालांकि लॉकडाउन खत्म होने पर दो ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया था, परंतु चार साल बीतने के बाद भी बाकी दोपहर व शाम को चलने वाली ट्रेनों का संचालन आज तक शुरू नहीं किया जा सका।

खुर्जा पैसेंजर ट्रेन चलवाने के लिए दैनिक यात्री खुर्जा, हापुड़ सहित अन्य रेलवे स्टेशनों पर धरना प्रदर्शन कर बंद पड़ी ट्रेनों को चलवाने की अधिकारियों से कई बार मांग कर चुके हैं। वहीं, मुरादाबाद डीआरएम गत आठ महीनों में खरखौदा रेलवे स्टेशन के जीर्णोद्धार कार्य के चलते चार बार निरीक्षण कर चुके उसके बाद कार्य ने गति नहीं पकड़ी। वहीं, बंद पड़ी ट्रेन चलवाने की जरूरत भी नहीं समझ सके। दो दिन पूर्व गुरुवार स्टेशन पर पहुंचे डीआरएम राजकुमार सिंह को कस्बा निवासी जयभारत मंच के प्रदेश मंत्री शिक्षा प्रकोष्ठ आदित्य त्यागी ने ज्ञापन देते हुए बंद पड़ी खुर्जा पैसेंजर चलवाने के साथ एक्सप्रेस ट्रेनों को स्टापेज कराने की मांग की जिसके बाद डीआरएम ने लोगों को आश्वासन देकर संतुष्ट कर दिया।

वहीं, इससे पहले भी विभाग के अधिकरियों ने खुर्जा पेसेंजर ट्रेन को न चलवाकर मांग कर्ताओं को आश्वासन देकर संतुष्ट किया जाता रहा। ट्रेनों का संचालन शुरू न होने से करीब दो से तीन हजार दैनिक यात्री को सफर करना महंगा पड़ रहा है। इस संबंध में डीआरएम मुरादाबाद से फोन पर संपर्क किया गया परंतु फोन रिसीव नहीं हो पाया। वहीं, स्टेशन मास्टर मुकेश मीना का कहना है कि खुर्जा पैसेंजर ट्रेन के बंद करने व चालू न होने के कारणों के बारे उच्च अधिकारी ही बता पाएंगे। ट्रेन बंदी से पहले खरखौदा स्टेशन दोपहर के समय काफी यात्री निकलते थे।

स्टेशन के जीर्णोद्धार का कार्य पांच साल में भी पूरा नहीं

खरखौदा रेलवे स्टेशन के जीर्णोद्धार का कार्य पाच साल में भी पूरा नहीं हो सका। वर्ष 2018 में तत्कालीन भाजपा सरकार में केंद्रीय रेल मंत्री मनोज सिन्हा ने खरखौदा क्षेत्र की लोगों की मांग पर स्टेशन के जीर्णोद्धार कराने की घोषणा की। जिसके बाद वर्ष 2019 में करोड़ों रुपये खाते में आने के बाद भी पाच साल में भी खरखौदा रेलवे स्टेशन के जीर्णोद्धार का कार्य चींटी की चाल से आगे बढ़ रहा है जो आज तक पूरा नहीं हो सका।

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