Sunday, September 8, 2024
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सर्वोच्च माह कहलाता है वैशाख

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  • प्यासे को पानी पिलाने से मिलता है कई गुना फल
  • वैशाख मास में पूजा-अर्चना और स्नान-दान का होता है विशेष महत्व

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: नवसंवत्सर 2080 का दूसरा महीना यानि वैशाख महीना प्रारंभ हो चुका है। बता दें कि सनातन धर्म में इस माह का विशेष महत्व है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस मास में जप, तप, स्नान और दान से साधकों को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही इस पवित्र महीने में कुछ नियमों का पालन करने से व्यक्ति को कई प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। बता दें कि वैशाख मास भगवान विष्णु का सबसे प्रिय माह माना जाता है। इस माह को सर्वोच्च माह बताया गया है।

इस माह किए दान से मिलने वाला पुण्य कभी समाप्त नहीं होता है। वैशाख मास के देवता भगवान मधुसूदन हैं। इसलिए इस मास का एक नाम माधव मास भी है। वैशाख मास में पिछले जन्मों के पापों को दूर करने की पवित्रता है। इस माह में मनचाहा फल प्राप्त होता है। यह माह धर्म, यज्ञ, क्रिया और तपस्या का सार है। यह माह देवताओं द्वारा भी पूजित है। इस माह तीर्थ स्नान और दान से जाने-अनजाने में किए गए पाप दूर हो जाते।

इस माह गीता का पाठ करना कल्याण है। इसी माह श्री बांके बिहारी जी के चरण दर्शन होते हैं। वैशाख महीना पांच मई तक रहेगा। इस महीने को पुराणों में बहुत खास बताया गया है। ग्रंथों के मुताबिक वैशाख महीने में खासतौर से भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान बताया गया है। साथ ही इस महीने में पीपल और तुलसी पूजा भी करने की परंपरा है। ऐसा करने से कई यज्ञों का पुण्य मिलता है। साथ ही जाने-अनजाने में हुए पाप भी खत्म हो जाते हैं। वैशाख भगवान विष्णु का प्रिय महीना है।

बड़े तीज-त्योहारों वाला महीना

वैशाख महीने में भगवान विष्णु के परशुराम अवतार की पूजा का विशेष महत्व है। इस महीने के शुक्लपक्ष की तृतीया पर इनकी विशेष पूजा की जाती है। इसी दिन अक्षय तृतीया पर्व मनाया जाता है। इस तृतीया के साथ ही वैशाख में आने वाली वरुथिनी और मोहिनी एकादशी का व्रत करने से कभी न खत्म होने वाला पुण्य मिलता है। वैशाख महीने में किए जाने वाले धर्म-कर्म से जाने-अनजाने में हुए हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।

वैशाख माह की कथा

पुराणों के अनुसार वैशाख के महीने में भगवान विष्णु की आज्ञा से जनकल्याण के लिए जल में समस्त देवी-देवता निवास करते हैं। एक प्रसंग के अनुसार जब एक बार राजा अंबरीश दीर्घकाल तक तप के बाद गंगा तीर्थ की ओर जा रहे थे। मार्ग में उन्हें देवर्षि नारद जी के दर्शन हुए। विनयपूर्वक राजा ने देवर्षि से प्रश्न किया देवर्षि ईश्वर ने प्रत्येक वस्तु में किसी श्रेष्ठ कोटी की रचना की है,

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लेकिन मासों में कौनसा मास सर्वश्रेष्ठ है? इस पर नारद जी ने कहा जब समय विभाजन हो रहा था उस समय ब्रह्मा जी ने वैशाख मास को अत्यंत पवित्र सिद्ध किया है। वैशाख मास सब प्राणियों की मनोकामना को सिद्ध करता है। धर्म, यज्ञ, क्रिया और व्यवस्था का सार वैशाख मास में है। संपूर्ण देवताओं द्वारा पूजित एवं भगवान विष्णु को सर्वाधिक प्रिय है।

वैशाख के महीने में करें ये कार्य

वैशाख का महीना शनिदेव को शांत करने के लिए भी उत्तम माना जाता है। इस दौरान किए गए कुछ विशेष कार्यों से त्रिदेव के आशीर्वाद से शनिदेव भी शांत हो जाते हैं और ग्रहों की अशुभता दूर करने में मदद मिलती है। वैशाख के महीने में प्यासे को पानी पिलाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इस महीने में जो व्यक्ति प्यासे को पानी पिलाता है, उसे सभी दानों के समान पुण्य और सभी तीर्थों के दर्शन के समान फल प्राप्त होता है।

साथ ही इस दौरान पशु-पक्षियों के लिए भी पीने के पानी का इंतजाम करना चाहिए। आप चाहें तो वैशाख के महीने में अपने घर या दुकान के बाहर प्याऊं भी लगवा सकते है। इससे भी प्यासे व्यक्ति को पानी मिलेगा और आपको त्रिदेव का आशीर्वाद और कृपा प्राप्त होगी। इस महीने में जरूरतमंद लोगों को पंखा दान करने से भी व्यक्ति के सभी पाप मिट जाते हैं और विशेष फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा वैशाख के महीने में किसी भूखे या जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न दान भी जरूर करें। अन्न दान के समान कोई दूसरा दान नहीं है और इससे भी पुण्य की प्राप्ति होती है।

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