Sunday, September 8, 2024
- Advertisement -
HomeUttar Pradesh NewsMeerutडाक्टर बनकर सेवा करना चाहता है यशवर्धन

डाक्टर बनकर सेवा करना चाहता है यशवर्धन

- Advertisement -
  • मूलरूप से सरधना थाना क्षेत्र के भूनी गांव का रहने वाला यशवर्धन त्यागी

जनवाणी संवाददाता |

कंकरखेड़ा: हमेशा कठिन परिश्रम करने वालों के कदम चूमती है कामयाबी। यह साबित कर दिखाया सरधना रोड स्थित सनातन धर्म सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कॉलेज के छात्र यशवर्धन देव त्यागी ने इंटरमीडिएट में 96.6 अंक प्राप्त कर जिले टॉप करके साबित कर दिखाया। यशवर्धन अपने पिता की तरह डाक्टर बनकर देश की सेवा करना चाहता है। गणपति विहार कालोनी, नंगला ताशी निवासी डा. नितिन त्यागी व रीतू त्यागी के पुत्र यशवर्धन देव त्यागी मूलरूप से सरधना थाना क्षेत्र के भूनी गांव का रहने वाला है। यशवर्धन के पिता डा. नितिन त्यागी गणपति विहार में क्लीनिक चलाते हैं और मां रितु त्यागी गृहणी हंै।

दोपहर जब 12 वीं का परिणाम आया और यशवर्धन के जिले में प्रथम स्थान पाने की सूचना मिली तो उसके परिवार में खुशी का माहौल बन गया। लोगों ने उसे बधाई दी। यशवर्धन का कहना है कि परिवार और शिक्षकों द्वारा अच्छा माहौल दिया गया। जिससे वह जिला टॉप कर पाया। उसने 10 घंटे पढ़ाई की, जिसने उसे सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया। यशवर्धन का कहना है कि भविष्य में एमबीबीएस करने के बाद कार्डियोलॉजिस्ट बनकर लोगों की सेवा करना चाहते हैं। इसी कारण उन्होंने पढ़ाई में काफी मेहनत की। प्रधानाचार्य राजीव पांडे और अन्य शिक्षकों ने यशवर्धन को मिठाई खिलाकर उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

चिकित्सक बनकर लोगों की सेवा करना चाहती है हादिया

मवाना: नगर के मोहल्ला मुन्नालाल निवासी हादिया के पिता आसिफ कुरैशी साइबर कैफे चलाते हैं। आसिफ का कहना है कि परिवार और शिक्षकों द्वारा अच्छा माहौल दिया गया। जिससे वह जिला टॉप कर पाए। हादिया स्कूल से अलग प्रतिदिन 10 घंटे पढ़ाई करती थी और भविष्य में एमबीबीएस कर चिकित्सा बनकर लोगों की सेवा करना चाहते हैं। इसी कारण उन्होंने पढ़ाई में काफी मेहनत की। छात्रा हादिया जिला टॉप करने का श्रेय राज्यपाल द्वारा पुरस्कृत प्रधानाचार्य देवेंद्र कुमार को देते हुए कहती है कि स्कूल स्टाफ के साथ प्रधानाचार्य ने उन्हे हर कदम पर प्रेरणा दी है। जिसके चलते उन्होंने जिला टॉप किया है।

उधर, यूपी बोर्ड परीक्षा में तहसील क्षेत्र में छात्राओं ने बाजी मारी है। हाईस्कूल में कृषक इंटर कॉलेज की छात्राएं जिले में पहले और चौथा नंबर पर रही। फलावदा रोड स्थित कृषक इंटर कॉलेज की 10वीं की छात्रा हादिया ने 96.5 प्रतिशत अंक प्राप्त कर जिला टॉप किया है। जिला में टॉप होने के साथ कॉलेज की छात्रा खुशी कनौजिया ने जिले में चौथा स्थान प्राप्त किया। तहसील के अन्य संस्कार एकेडमी के आदित्य मावी ने 96 प्रतिशत अंक लेकर द्वितीय आइडियल चिल्ड्रन इंटर कॉलेज की आकृति ने 95.83 प्रतिशत अंकों के साथ तीसरा और कृषक इंटर कॉलेज की छात्रा खुशी ने जिले में चौथे स्थान पर रही।

08 15

आईएएस बनकर सेवा करना चाहता है श्रेयांस

मेरठ: सफलता किसी का मोहताज नहीं होती, यह साबित कर दिखाया ट्रेन के लोको पायलेट के पुत्र श्रयांस कुमार ने। दो वर्ष पूर्व हाईस्कूल की परीक्षा में जिले में टाप करने वाले श्रेयांस ने 12 वीं में जिले में दूसरा स्थान प्राप्त कर सनातन धर्म सरस्वती शिशु मंदिर कंकरखेड़ा और अपने परिवार का नाम रोशन किया। श्रेयांस आईएएस बनकर समाज की सेवा करना चाहता है। न्यू सैनिक विहार निवासी श्रेयांस के परिवार को जब 12वीं के रिजल्ट का पता चला कि श्रेयांस ने 96.40 अंक हासिल करके जिले में दूसरा स्थान प्राप्त किया तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। उन्होंने श्रेयांस को मिठाई खिलाई।

उसके कालेज से उसे तुरंत बुलाया गया। श्रेयांस के पिता रेलवे में लोको पायलेट हैं और उसकी मां उर्मिला देवी गृहणी हैं। श्रेयांस ने बताया कि उसने करीब 12 घंटे पढ़ाई करे इस मुकाम को हासिल किया। उसकी माता ने हमेशा उसका उत्साहवर्धन किया। उसने दो वर्ष पूर्व हाईस्कूल में जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। चंद अंकों से चूकने पर वह 12वीं में प्रथम स्थान प्राप्त नहीं कर पाया, लेकिन उसे खुशी है कि उसके कालेज का छात्र और उसके दोस्त ने जिले में प्राप्त स्थान प्राप्त किया। श्रेयांस का कहना है कि उसकी आंखों में आईएएस बनने का सपना है। इसके लिए वह सिविल सर्विसेस की परीक्षा की तैयारी करेगा।

ड्राइवर के पुत्र ने 12वीं में जिले में पाया दूसरा स्थान

मेरठ: कहते हैं कि कामयाबी अमीरी से नहीं बंधी, इसका सीधा रास्ता कठिन परिश्रम है, यह साबित कर दिखाया, जयभीम नगर निवासी ड्राइवर मोहन लाल के पुत्र तरुण ने। तरुण ने यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में 96.4 अंक प्राप्त कर जिले में सेकेंड टॉपर का तमगा हासिल किया और सरस्वती ज्ञान मंदिर इंटर कॉलेज व परिवार का रोशन किया। शनिवार को रिजल्ट आने पर तरुण के परिवार में खुशी से लोग झूम उठे। तरुण का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ। उसके पिता ड्राइवर, मां एक फैक्ट्री में लोअर पैक करने का कार्य करती हैं।

तरुण की टॉप करने की खुशखबरी ड्यूटी पर होने के कारण माता-पिता को फोन पर दी गई। वह बेहद खुश हुए। तरुण ने बताया कि उसने 12 घंटे पढ़ाई की। तरुण ने फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ से कक्षा 12वीं उत्तीर्ण की। तरुण ने केमिस्ट्री व फिजिक्स की कोचिंग लेने के अलावा 10 से 12 घंटे सेल्फ स्टडी की। उसने फोन व अन्य संसाधनों से दूरी बनाकर रखी। तरुण का सपना सीयूईटी की तैयारी करना, व डीयू से बीएससी इन फिजिक्स करना है। वह प्रतियोगी परीक्षाएं भी देगा।

माता-पिता की मेहनत हुई सफल

तरुण ने बताया कि उसके पापा ड्राइवर हैं। वह प्राइवेट गाड़ी चलाते हैं, मां फैक्ट्री में लोअर पैक करती हैं। दोनों सुबह 9:00 बजे घर से जाकर रात 7-8 बजे लौटते हैं। उनकी मां ने तीनों भाई बहनों की पढ़ाई पर ध्यान दिया। उन्हें पढ़ाने को उनके माता-पिता ने बहुत संघर्ष किया। तरुण का सपना है कि वह अपने मां-बाप को सुख सुविधाओं से परिपूर्ण जिंदगी दे सकें।

घर वाले बने प्रेरणा

तरुण ने बताया कि सफलता के इस सफर में उनकी प्रेरणा उनके घर वाले बने। तरुण की दो बड़ी बहने, एक छोटी बहन इसी स्कूल में 10वीं व 12वीं में टॉप कर चुके हैं। उनसे प्रेरणा लेते हुए उसने टॉपर बनने का सपना देखा और साकार किया।

डाक्टर बनकर सेवा करना चाहती है खुशनसीब

किठौर: इदरीस मैमोरियल इंटर कालेज, किठौर की छात्रा और एक छोटे किसान व ड्राइवर की पुत्री खुशनसीब ने इंटरमीडिएट की परीक्षा में जिला टॉपटेन सूची में तीसरा स्थान प्राप्त करके अपने कालेज व परिवार को नाम ऊंचा किया। खुशनसीब डाक्टर बनकर समाज की सेवा करना चाहती है। हापुड़ जिले के मुजफ्फरा बागड़पुर उर्फ मुदाफरा गांव की निवासी खुशनसीब का परिवार खुशी से झूम उठा जब उसे पता चला कि खुशनसीब ने इंटरमीडिएट की परीक्षा में 96.20 प्रतिशत अंक प्राप्त कर तीसरा स्थान हासिल किया। उसके पिता इस्लाम लघु किसान और ड्राइवर हैं। मां रेशमा गृहिणी है। खुशनसीब ने हाईस्कूल परीक्षा 87.5 अंकों से पास की थी। पांच बहन-भाइयों में सबसे बड़ी खुशनसीब अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और गुरु गुफरान अली को देती है।

वह चाचा डा. अलीम को आदर्श बताने वाली खुशनसीब खुद भी डाक्टर बनना चाहती है। उसने कोई कोचिंग नहीं की। बताया कि घर पर सिर्फ चार घंटे ध्यान लगाकर पढ़ती थी, जो कालेज में पढ़ाया जाता था। छात्रा की अध्ययन में रूचि है। खुशनसीब ने कहा कि वक्त हो, उद्देश्य सही हो तो सोशल मीडिया को देखना गलत नहीं। बताया कि छोटी बहन खुशबू इस बार 12वीं अलीशा नौवीं, अक्शा सेकेंड क्लास में आएंगी, जबकि भाई मोनिस चौथी क्लास में। उसने कहा कि वह डाक्टर बनकर समाज सेवा करना चाहती है, इसके लिए वह और कठिन परिश्रम करेगी।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
2
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments