Sunday, September 8, 2024
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बाबा मनोहर नाथ मंदिर में स्वामित्व को लेकर दो पक्ष भिड़े, हंगामा

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  • महंत की पुण्यतिथि पर भंडारे के आयोजन के समय हुआ हंगामा, मंदिर में पुलिस बल तैनात

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: सिविल लाइन क्षेत्र बाबा मनोहर नाथ मंदिर में स्वामित्व को लेकर दो पक्षों के बीच जमकर नोकझोंक और हंगामा हुआ। मंदिर में महंत गुरुओं की पुण्यतिथि कार्यक्रम आयोजित होने पर दोनों पक्ष एक-दूसरे के आमने सामने डटे रहे। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को शांत किया। बाबा मनोहर नाथ मंदिर ट्रस्ट की जमीन को लेकर दो पक्षों के अपने अपने दावे हैं।

बुधवार को मंदिर में तीन महंत की पुण्यतिथि पर मनोहर नाथ मंदिर ट्रस्ट की ओर से भंडारे और समाधि स्थल पर पूजा अर्चना के लिए भक्तगण आये थे। इस बीच जब मनोहरनाथ मंदिर ट्रस्ट पीठाधीश्वर नीलिमा नन्द महाराज पक्ष के लोग समाधि स्थल पर साफ-सफाई कर पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे तो वहां उपस्थित सुशील गिरी और उनके समर्थकों ने पूजा-अर्चना करने से रोक दिया। इस पर दोनों पक्षों के लोग आमने सामने आ डटे।

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समाधि स्थलों पर अपना हक बताने के लिए दोनों पक्ष काफी देर तक हंगामा करते रहे। दोनों पक्ष पुलिस के सामने भिड़ गये और जमकर एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाये। सुबह से लेकर दोपहर तक दोनों पक्षों के बीच समाधि स्थल को अपना बताने पर हंगामा चलता रहा। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद अंत में समाधि स्थलों पर पूजा-अर्चना की गई। मंदिर के स्वामित्व और अपने पूर्वजों के आधिपत्य को लेकर दोनों पक्षों के बीच सिविल कोर्ट में वाद दायर किये गये।

जिसमें शशि गिरी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने आठ मार्च वर्ष 2091 को यह एसएलपी खारिज कर दी। उधर, सुशील गिरी का दावा है कि महंत की समाधि उनके पूर्वजों की है। जबकि नीलिमा नन्द महाराज ने बताया कि यह मेरठ का सबसे बड़ा मंदिर मुगल बादशाह शाहजहां के समय है। यह गजट उत्तर प्रदेश सरकार 1922 में दिया गया है।

कबाड़ी बाजार में व्यापारियों के बीच मारपीट में सात गिरफ्तार

ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र कबाड़ी बाजार स्थित रेवड़ी गजक व्यापारियों के बीच हुई मारपीट में पुलिस ने जानलेवा हमले की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दोनों पक्षों के सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने दोनों पक्षों को कोर्ट में पेश किया। दोनों पक्षों के बीच मारपीट की घटना कारीगर के रुपयों के लेनदेन पर हुई थी।

ब्रह्मपुरी क्षेत्र ईश्वरपुरी निवासी हेमप्रकाश लोधी की रामसहाय रेवड़ी गजक की दुकान है। उनके ठीक सामने व्यापारी उमेश की रेवड़ी गजक नमकीन की शॉप है। उमेश की दुकान पर काम करने वाले दर्जनभर कारीगरों को कुछ दिनों पहले निकाल दिया गया था। जिसमें एक कारीगर वहां से काम छोड़कर हेमप्रकाश लोधी की दुकान पर काम करने आ गया था। व्यापारी उमेश ने उक्त कारीगर को 10 हजार रुपये एडवांस के तौर पर दिया था।

कारीगर कई दिनों से रामसहाय रेवड़ी गजक की दुकान पर काम कर रहा था। उमेश ने मंगलवार को कारीगर से अपने रुपये मांगे। रुपये न देने पर कारीगर को उमेश ने मारना पीटना शुरू कर दिया। कारीगर के साथ मारपीट होते देख व्यापारी हेमप्रकाश लोधी के बेटे अमित ने कहा कि इसे क्यों मार रहे हो। इसके उधार रुपये मैं आपको दे दूंगा। इस बात को लेकर उमेश और अमित के बीच मारपीट हो गई।

थोड़ी देर बाद अमित दुकान पर आकर बैठ गया। इस बीच उमेश और उसके पक्ष में आठ दस लोग आये और रामसहाय दुकान पर आकर तोड़फोड़ कर सामान इधर-उधर उलट दिया। लोगों ने व्यापारी हेमप्रकाश और अमित को जमकर पीटा और सोने की चेन व कैश लूट लिया।

मंगलवार देर रात दोनों पक्षों ने थाने पर तहरीर दी। बुधवार को सुबह थाना पुलिस ने उमेश पक्ष के विशाल, मटरु, राजपाल उर्फ पाई, विकास चार लोगों और हेमप्रकाश, राहुल लोधी, अमित लोधी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने मारपीट और जानलेवा हमले की धारा में मुकदमा दर्ज किया है।

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