Wednesday, May 14, 2025
- Advertisement -

सप्तऋषियों का आशीर्वाद प्राप्त करने का दिन ऋषि पंचमी

Sanskar 5


ऋषि पंचमी सप्त ऋषियों के ज्ञान और आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि और हिंदू संस्कृति में पवित्रता और मोक्ष के महत्व का जश्न मनाने वाला त्योहार है। यह लोगों के लिए संतों का आशीर्वाद लेने और एक धार्मिक और पूर्ण जीवन जीने के लिए अपने पापों और अशुद्धियों से खुद को शुद्ध करने का समय है। ऋषि पंचमी का व्रत करने से शरीर और आत्मा को शुद्ध करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, यह आध्यात्मिक प्रगति और ज्ञानोदय के लिए सप्त ऋषियों का आशीर्वाद लेने में मदद करता है।

ऋषि पंचमी, सात ऋषियों या सप्त ऋषियों का सम्मान करने के लिए एक हिंदू सनातन अनुष्ठान है। यह भाद्रपद के हिंदू चंद्र महीने के पांचवें दिन पड़ता है। यह त्यौहार उपवास करके और ऋषियों की प्रार्थना करके मनाया जाता है। ऋषि पंचमी का व्रत करने से व्यक्ति जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति पा सकता है।

ऋषि पंचमी का व्रत की महिमा

ऋषि पंचमी एक हिंदू त्योहार है जो भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन आता है। इस दिन, हिंदू पौराणिक कथाओं में पूजनीय सात ऋषि या सप्त ऋषि अपने पापों से खुद को शुद्ध करते हैं। ऋषि पंचमी पर पुरुष और महिलाएं सप्तऋषियों के निमित व्रत रखते हैं। व्रत रखने से व्यक्ति का शरीर और आत्मा को शुद्ध हो जाते है। यह व्रत आध्यात्मिक प्रगति और ज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है। ऋषि पंचमी का व्रत पूरे दिन रखा जाता है, जो सूर्योदय से शुरू होकर सूर्यास्त के बाद समाप्त होता है।

इस दौरान भक्त किसी भी प्रकार के भोजन या पानी का सेवन करने से परहेज करते हैं। कुछ लोग अपने भोजन में नमक, चीनी और अन्य मसालों के प्रयोग से भी बचते हैं। इसके बजाय, वे फल, दूध और अन्य साधारण खाद्य पदार्थ खाते हैं जो शुद्ध और सात्विक होते हैं।

ऋषि पंचमी का व्रत जाने-अनजाने में हुए पापों के प्रायश्चित का एक रूप भी है। उपवास करके, व्यक्ति खुद को अशुद्धियों और नकारात्मक ऊजार्ओं से मुक्त कर सकता है। उपवास के अलावा, भक्त सप्त ऋषियों का आशीर्वाद पाने के लिए मंदिरों में भी जाते हैं और पूजा अनुष्ठान करते हैं। वे ऋषि-मुनियों से जुड़ी कहानियां पढ़ते और सुनते हैं। उनके सम्मान में प्रार्थनाएं कर , प्रसाद चढ़ाते हैं।

ऋषि पंचमी मनाने के पीछे की कहानी

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, सप्त ऋषियों ने मानव सभ्यता के मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके पास अपार ज्ञान, बुद्धि और आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि थी। हालाँकि, वे भी मानव मन और शरीर के प्रलोभनों और कमजोरियों से अछूते नहीं थे। एक दिन, सप्त ऋषि अपने दैनिक अनुष्ठान कर रहे थे, तभी एक कुत्ता उनके बीच में भटक गया। वे अपने अनुष्ठानों में इतने तल्लीन थे कि उन्हें कुत्ते का ध्यान ही नहीं रहा और गलती से उनका पैर उसकी पूंछ पर पड़ गया। बाद में ही उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने इस तरह का अनादरपूर्ण कृत्य करने के लिए खुद को दोषी महसूस किया।

तब सप्त ऋषियों ने अपने पापों और अशुद्धियों से स्वयं को शुद्ध करने का निर्णय लिया। उन्होंने कई दिनों तक व्रत रखा और तपस्या की। इसके बाद, उन्होंने पवित्रता और मुक्ति प्राप्त की। इस प्रकार, ऋषि पंचमी का त्योहार इस घटना का सम्मान करने और पवित्रता और मुक्ति के लिए सप्त ऋषियों का आशीर्वाद लेने के लिए है।

ऋषि पंचमी सप्त ऋषियों के ज्ञान और आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि और हिंदू संस्कृति में पवित्रता और मोक्ष के महत्व का जश्न मनाने वाला त्योहार है। यह लोगों के लिए संतों का आशीर्वाद लेने और एक धार्मिक और पूर्ण जीवन जीने के लिए अपने पापों और अशुद्धियों से खुद को शुद्ध करने का समय है। ऋषि पंचमी का व्रत करने से शरीर और आत्मा को शुद्ध करने में मदद मिलती है।

इसके अलावा, यह आध्यात्मिक प्रगति और ज्ञानोदय के लिए सप्त ऋषियों का आशीर्वाद लेने में मदद करता है। इसके अलावा, यह जाने-अनजाने में किए गए किसी भी पाप के लिए प्रायश्चित का एक रूप है और एक नेक और पूर्ण जीवन के लिए संतों का आशीर्वाद लेना भी है।

पौराणिक मान्यता के अनुसार स्त्रियों को रजस्वला में धार्मिक कार्य, घर के कार्य करने की मनाई होती है। ऐसे में इस दौरान अगर गलती से पूजा-पाठ की सामग्री को स्पर्श कर लें या फिर ऐसे धर्म-कर्म के काम में जाने-अनजाने कोई गलती हो जाए, तो इस व्रत के प्रभाव से स्त्रियां दोष मुक्ति हो जाती हैं। ये व्रत मासिक धर्म में हुई गलतियों के प्रायश्चित के रूप में किया जाता है। इसे हर वर्ग की महिला कर सकती है।

हिंदू पंचांग एवं ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार ऋषि पंचमी बुधवार, 20 सितंबर, 2023 को होगी। ऋषि पंचमी पूजा मुहूर्त सुबह 11:01 बजे से दोपहर 01:28 बजे तक होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, पंचमी तिथि 19 सितंबर, 2023 को दोपहर 01:43 बजे शुरू होगी और 20 सितंबर, 2023 को दोपहर 02:16 बजे समाप्त होगी।

राजेंद्र कुमार शर्मा


janwani address 2

spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Saharanpur News: अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार भाई-बहन की मौत

जनवाणी संवाददातासहारनपुर: दवा लेकर लौट रहे बाइक सवार भाई-बहन...

Boondi Prasad Recipe: बूंदी से करें हनुमान जी को प्रसन्न, बड़े मंगल पर घर में ऐसे बनाएं भोग

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...

Bada Mangal 2025: ज्येष्ठ माह का बड़ा मंगल आज, जानें इसका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...
spot_imgspot_img